नई दिल्ली 20 जुलाई।देश की लगभग 40 करोड जनसंख्या अब भी कोविड से असुरक्षित है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद(आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने बताया कि चौथे चरण का राष्ट्रीय सीरो-सर्वेक्षण 70 जिलों में जून-जुलाई में कराया गया था। यह सर्वेक्षण 28 हजार से अधिक लोगों के अलावा, सात हजार से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों पर किया गया। उन्होंने बताया कि यह सीरो-सर्वेक्षण पिछले तीन चरण के सर्वेक्षण से कुछ अलग था। चौथे चरण के इस सर्वेक्षण में 6 से 17 वर्ष के बच्चों को शामिल किया गया।
उन्होने बताया कि सर्वेक्षण में पाया गया कि देश की 67 प्रतिशत से अधिक आबादी में एंटीबॉडी पाई गई है। उन्होंने बताया कि टीका नहीं लगवाने वाले 62 प्रतिशत से अधिक, टीके की एक डोज लेने वाले 81 प्रतिशत से अधिक और टीके की दोनों डोज लेने वाले 89 प्रतिशत से अधिक लोगों में एंटीबॉडी पाई गई है।डॉ.भार्गव ने बताया कि सामान्य जनसंख्या के दो-तिहाई लोगों में एंटीबॉडी पाई गई है।उन्होंने बताया कि 6 से 17 वर्ष तक की आयु के आधे से अधिक बच्चों में एंटीबॉडी पाई गई है।
डॉक्टर भार्गव ने बताया कि सर्वेक्षण में स्पष्ट रूप से आशा कि किरण दिखती है लेकिन निश्चिंत होने की कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने बताया कि सामाजिक, सार्वजनिक, धार्मिक और राजनीतिक सभाएं करने से बचा जाना चाहिए।
नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वी.के. पॉल ने बताया कि अब भी तीन लोगों में से एक कोविड से असुरिक्षत है। उन्होंने बताया कि महामारी खत्म नहीं हुई है और दूसरी लहर अभी जारी है। डॉक्टर पॉल ने कहा कि नये वायरस के फैलने का खतरा बरकरार है, कुल मिलाकर देश के लिए असुरक्षा अब भी बनी हुई है।