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उच्च न्यायालय ने लौह अयस्क की खदान आवंटन पर लगाई रोक

बिलासपुर 24 सितम्बर।छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने जिन्दल स्टील पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) की याचिका पर दंतेवाड़ा जिले की लौह अयस्क खदान के अन्तिम आवंटन पर रोक लगा दी हैं।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश प्रशान्त कुमार मिश्रा एवं रजनी दुबे की खण्डपीठ ने जेएसपीएल ने एमएमडीआर – 2021 में संशोधन के तहत धारा 10ए(2)(बी) में नए सम्मिलित प्रावधान की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह अतंरिम आदेश दिया।

याची की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा एवं अन्य ने छत्तीसगढ़ के खनिज विभाग द्वारा लौह अयस्क की ई-नीलामी के लिए जारी टेंडर का हवाला देते हुए पीठ से अतंरिम राहत का अनुरोध किया जिस पर पीठ ने सम्बधित खदान के जारी टेंडर पर अन्तिम आवंटन पर याचिका के निस्तारण होने तक रोक लगा दिया,और मामले की अगली सुनवाई आगामी 06 अक्टूबर को तय की हैं।

श्री तन्खा ने पीठ से कहा कि एमएमडीआर अधिनियम – 2021 में संशोधन के तहत धारा 10ए(2)(बी) में नए सम्मिलित प्रावधान संविधान के विपरीत है। उसी के आलोक में जारी किया गया एनआईटी(नोटिस इन्वाइटिंग टेंडर)भी उचित नहीं है।इसी पीठ ने इससे पूर्व जायसवाल निको इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड की याचिका पर भी अन्तिम आवंटन पर याचिका के निस्तारण होने तक रोक लगा दी थी।पीठ ने इस मामले की भी अगली सुनवाई आगामी 06 अक्टूबर को तय की हैं।

ज्ञातव्य हैं कि राज्य के खनिज विभाग ने दंतेवाड़ा जिले में नॉर्थ बैलाडीला की ब्लॉक ए और बी, कलवर और लौहत्तर (सोनादेही) की लौह अयस्क खदानों के आवंटन के लिए ई-नीलामी टंडर जारी किया है।टेंडर की प्री बिड 17 सितम्बर और बिड ड्यू डेट 30 सितम्बर तय की गई है।