नई दिल्ली/रायपुर 28 सितम्बर।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा हैं कि उनकी सरकार ने पिछले छह-सात वर्षों में कई किसान हितैषी कार्य किए है।
श्री मोदी ने आज रायपुर के राष्ट्रीय बायोटिक स्ट्रेस मेनेजमेंट संस्थान के नवनिर्मित परिसर भी देश को समर्पित करते हुए कहा कि पिछले छह-सात वर्षों में कृषि से सम्बंधित मुद्दों के समाधान के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है।उन्होने बताया कि नई परिस्थितियों विशेषकर जलवायु परिवर्तन के अनुकूल अधिक पोषक बीजों पर प्रमुखता से ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है।
उन्होने बताया कि भूमि संरक्षण के लिए 11 करोड मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किए गए हैं। उन्होंने किसानों की जल सुरक्षा के लिए लगभग एक सौ लम्बित सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने और फसलों को रोगों से बचाने के लिए किसानों को बीज की नई किस्में उपलब्ध कराने जैसे उपायों का उल्लेख किया है।
श्री मोदी ने कहा कि फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढाने के अलावा खरीद प्रक्रिया में भी सुधार किया गया है ताकि किसानों को अधिक लाभ मिल सके।उन्होने कहा कि..एमएसपी में बढ़ोतरी के साथ-साथ हमने खरीद प्रक्रिया में भी सुधार किया है, ताकि अधिक से अधिक किसानों को इसका लाभ मिल सके। रबी सीजन में 430 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा गेहूं खरीदागा। इसके लिए किसानों को 85 हजार करोड़ से अधिक का भुगतान किया गया है। कोविड के दौरान गेहूं खरीद केन्द्रों की संख्या तीन गुना तक बढ़ाई है। साथ ही दलहन, तिलहन इन खरीद केन्द्रों की संख्या भी तीन गुना बढ़ाई गई..।
उन्होने कहा कि सरकार ने किसानों को प्रौद्योगिकी से जोडकर उनके लिए बैंकों से सहायता मिलना आसान कर दिया है। हाल में दो करोड से अधिक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दिए गए हैं।उन्होने बताया कि किसानों को फसल आधारित आय प्रणाली से बाहर निकालकर और उन्हें मूल्य संवर्धन तथा अन्य विकल्पों के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने मोटे अनाजों और अन्य खाद्यान्नों के विकास के लिए विज्ञान और अनुसंधान आधारित समाधान की आवश्यकता पर बल दिया।