रायपुर 08 अक्टूबर।लगभग दो वर्ष बाद छत्तीसगढ़ मे होने वाले विधानसभा चुनावों पर राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने फोकस करना शुरू कर दिया हैं।इसके तहत सामाजिक समीकरणों को साधने के लिए उसने राष्ट्रीय कार्यसमिति में पहली बार पूर्व मंत्री एवं ओबीसी नेता अजय चन्द्राकर एवं पूर्व मंत्री एवं आदिवासी नेत्री लता उसेन्ड़ी को जगह दी है।
भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में छत्तीसगढ़ के चार नेताओं को शामिल किया गया है।इसमें पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह तथा राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय भी शामिल है।दोनो पूर्व में भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रह चुके है।इनके अलावा बिलासपुर के सांसद अरूण साव को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में तथा प्रदेश पार्टी अध्यक्ष (पदेन)विष्णुदेव साय एवं विधायक दल के नेता(पदेन)धरम कौशिक इसमें शामिल है।कार्यसमिति में इस बार विशेष आमंत्रित एवं पदेन समेत ओबीसी के तीन,पदेन समेत आदिवासी वर्ग के दो तथा सामान्य वर्ग के दो सदस्य राज्य से शामिल है।
कार्यसमिति में पहली बार शामिल किए गए श्री चन्द्राकर काफी मुखर एवं तेज तर्रार नेता माने जाते हैं।धमतरी जिले की कुरूद विधानसभा सीट से चौथी बार विधायक चुने गए श्री चन्द्राकर रमन सरकार में 10 वर्षों तक अहम विभागों के मंत्री रहे है,और सदन में भी आक्रामक रहे है।भाजपा की गुटीय राजनीति में वह संगठन में मौजूदा समय में प्रभावी गुट के विरोधी भी माने जाते है।उनके कार्यसमिति में शामिल किए जाने को लेकर काफी लोग आश्चर्य के रूप में देख रहे हैं,लेकिन कुछ लोगो का मानना है कि विपक्ष में रहते पार्टी को उन जैसे नेता की जरूरत हैं जोकि सामाजिक समीकरण में भी फिट बैठते हो और मुखर हो।श्री चन्द्राकर इन दोनो दृष्टि से बेहतर चुनाव हैं।
राज्य में 2018 में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद ओबीसी की राजनीति कुछ ज्यादा मुखर हुई है।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे और किसान होने की रणनीति पर काम शुरू किया है।श्री बघेल आक्रामक राजनीति में भी यकीन रखते है।भाजपा को इसकी काट की जरूरत थी।श्री चन्द्राकर भी ओबीसी और मुख्यमंत्री की ही जाति से आते है। वह भी किसान हैं और मुखर राजनीति के लिए जाने जाते है।माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा जिन नेताओं को आगे कर मैदान में उतरने की रणऩीति पर काम कर रही है,उसमें एक अहम चेहरा श्री चन्द्राकर का भी हो सकता है।