बिलासपुर, 24 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी ने कहा कि राज्य को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी व्यक्ति को मात्र इसलिए कि वह आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है, उसे न्याय से वंचित नहीं रखा जा सकता।
श्री गोस्वामी ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आज राज्य के विभिन्न जिलों में ई-मेगा लीगल सर्विस कैंपों का उद्घाटन करते हुए कहा कि संविधान के अनुच्छेद 39 (ए) के अनुसार समाज के वंचित वर्ग को निःशुल्क न्याय प्रदान करने का कार्य राज्य सरकार द्वारा अधिनियम एवं नियमों की रचना कर पूर्ण किया जाना है। अपने इन्हीं दायित्वों के निर्वहन को पूर्ण करने के लिए राज्य द्वारा संविधान के अंतर्गत प्रदत दायित्वों के निर्वहन के लिए राष्ट्रीय विधिक सेवा
उन्होंने कहा कि वर्तमान में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत यह आयोजन किया जा रहा है, जिसमें पैरालीगल वॉलेन्टियर एवं पैनल लॉयर की टीम गठित कर राज्य के प्रत्येक ग्राम में घर-घर जाकर विधिक जानकारियां प्रदान की जा रही है। इसका एकमात्र उद्देश्य लोगों को जागरूक करना एवं सशक्त बनाना है।
उन्होंने बताया कि विगत वर्ष आयोजित मेगा कैंप में करोड़ों रुपये के अवार्ड पारित किये गये थे और 8 लाख से अधिक लाभान्वित हुए थे। उन्होंने नालसा के हेल्पलाइन नंबर 15100 से कानूनी मदद लेने की अपील की। उन्होंने बताया कि ‘जन चेतना’ यू-ट्यूब चैनल के माध्यम से भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
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