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अगले वर्ष जीएसटी का प्रभाव पड़ने से कारोबार की रैंकिग में और सुधार- मोदी

नई दिल्ली 04 नवम्बर।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्वास जताया है कि भारत में कारोबार आसान करने की रैंकिंग में अगले वर्ष जीएसटी का प्रभाव पड़ने से और सुधार होगा।

श्री मोदी ने आज यहां भारतीय कारोबार सुधार के एक आयोजन में कहा कि शीर्ष एक सौ देशों की विश्व बैंक की सूची में भारत तीन वर्ष के भीतर 42वें स्थान पर पहुंच गया है।उन्होने कहा कि यह रैंकिंग मई के आखिर तक किए गए सुधारों के कारण दर्शाई गई है, इसमें पहली जुलाई से लागू किए गए जीएसटी के प्रभाव परिलक्षित नहीं हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी ने देश के एक अरब 20 करोड़ के बाजार को एकीकृत करके एक स्थिर और पारदर्शी कराधान व्यवस्था दी है।

उन्होंने कहा कि कारोबार करने में आसानी से प्रत्येक भारतीय को लाभ होगा।प्रधानमंत्री ने कहा कि वे विकास और कारोबार आसान करने में भारत की रैंकिंग में सुधार के लिए प्रतिबद्ध हैं।श्री मोदी ने कहा कि विश्व बैंक की सूची में तीस स्थान की छलांग के बाद अब भारत और प्रयास करेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी व्यवस्था व्यापारियों और कारोबारियों के सभी मुद्दों को सकारात्मक तरीके से स्वीकार किया गया है और जीएसटी परिषद अगली बैठक में आवश्यक परिवर्तन करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि तकनीक का इस्तेमाल प्रशासन में सुधार के लिए होनी चाहिए। भारत को तकनीक के इस्तेमाल से चलाने के सभी प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत ज्ञान आधारित, कौशल विकास और तकनीक से संचालित अर्थव्यवस्था की दिशा में बढ़ रहा है।

श्री मोदी ने कहा कि 90 प्रतिशत से अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश सहज रूप से स्वीकृत की जा रही है।विश्व बैंक की मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रिस्टीलिना ग्योरजीवा ने कहा कि भारत ने जीएसटी व्यवस्था लागू करके  सराहनीय आर्थिक सुधार किए हैं। उन्होंने कहा कि इन सुधारों से भारत को आगे बढ़ने के बड़े अवसर मिलेंगे।

श्रीमती क्रिस्टीलिना ने कहा कि कंपनियों की मजबूती और स्पर्धात्मक संघवाद, अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने का आधार होता है। उन्होंने यह भी कहा कि विश्व बैंक की रिपोर्ट में कारोबार आसान बनाने में भारत की रैंकिंग बढ़ना उत्साहजनक है और प्रधानमंत्री के नेतृत्व में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ा है।

वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि सरकार देश को व्यापार और राजस्व का प्रमुख केंद्र बनाना चाहती है। सरकार  तीन वर्षों में इसके लिए कई कदम उठाए हैं और कारोबार आसान बनाना इसका उदाहरण है।