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केन्द्रीय करों में राज्यों को मिलने वाली हिस्सेदारी में लगातार कमी-भूपेश

रायपुर 09 मार्च।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा हैं कि केन्द्रीय करों में राज्य को मिलने वाली हिस्सेदारी में लगातार कमी आ रही हैं जोकि छत्तीसगढ़ जैसे उत्पादक राज्य के लिए चिन्ताजनक हैं।

श्री बघेल ने आगामी वित्त वर्ष का बजट विधानसभा में पेश किए जाने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि केन्द्रीय करों से बजट में 44500 करोड़ रूपए तथा राज्य के अपने संसाधनों से 44573 करोड़ रूपए के आने की संभावना हैं।उन्होने कहा कि इसके साथ ही आगामी जून माह के बाद से  जीएसटी की केन्द्र द्वारा दी जाने वाली क्षतिपूर्ति की पांच हजार करोड़ रूपए की राशि भी मिलना बन्द हो जायेंगी।

उन्होने कहा कि राज्य के स्वयं के श्रोतों में इजाफे के किए जा रहे प्रयासों के कारण राजस्व की प्रप्ति में लगातार बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही हैं।इसके मद्देनजर इस वर्ष राज्य मद से 44500 करोड़ रूपए की प्राप्ति अनुमानित हैं।उन्होने कहा कि राज्य के स्वयं के राजस्व प्राप्तियों में 27 प्रतिशत की वृद्दि की तुलना में केन्द्रीय प्राप्तियों में महज एक प्रतिशत बढ़ोत्तरी अनुमानित हैं।

श्री बघेल ने कहा कि राज्य में शासकीय नौकरियों के एक लाख 73 हजार पद रिक्त हैं जिन्हे उनकी सरकार सत्ता में आने के बाद भरने के लिए कदम उठा रही हैं। उन्होने कहा कि तुलनात्मक रूप में पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में प्रतिवर्ष औसतन पांच हजार नियुक्तियां होती थी,उसी सरकार आने के बाद यह औसत बढ़कर 13 हजार नियुक्तियों का हो गया हैं।

अधिसूचित क्षेत्र बस्तर में उद्योगो की स्थापना में आ रही मुश्किलों का जिक्र करते हुए उन्होने कहा कि उनकी सरकार ने बस्तर के विकास का नया अध्याय शुरू करते हुए संभाग के जिलों में नारंगी वन क्षेत्र से 30439 हेक्टेयर जमीन राजस्व मद में वापस लेकर दर्ज की हैं।इससे डहां वहां के लोगो को कृषि एवं व्यवसाय के लिए पट्टे दिए जा सकेंगे,वहीं नए उद्योगो की स्थापना की जा सकेंगी।इसके साथ ही सड़क,रेल मार्ग एवं अन्य गतिविधियों के लिए जमीन सहजता से उपलब्ध हो सकेंगी।