कांकेर 06 जून।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वनवासियों के लिए निरंतर बेहतर कार्य किये जाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि सत्ता में आने के बाद उन्होने प्रशासनिक तंत्र में जनसेवा के संकल्प को लगातार मजबूत करने की दिशा में काम किया है इसके प्रभावी नतीजे सामने आ रहे हैं।
भेंट मुलाकात दौरे पर निकले श्री बघेल ने आज यहां जिले के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में यह विचार व्यक्त करते हुए कहा कि शासकीय योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन होता है तो जनता शिकायत नहीं करेगी।उन्होने कहा कि बस्तर और सरगुजा में भेंट मुलाकात के दौरान नागरिक सेवाओं की आपूर्ति को लेकर बहुत कम शिकायतें आईं। इससे पता चलता है कि प्रशासनिक तंत्र अच्छा काम कर रहा है। आप सभी से अपेक्षा है कि इसी तरह जनसेवा के दायित्व को पूरे मनोयोग से निभाते रहें।
उन्होने कहा कि वनवासियों के लिए निरंतर बेहतर कार्य किये जाने की जरूरत है।वनवासी वनों के संरक्षक हैं।वन नियमों के दायरे में जंगल में रहने वाले रहवासियों को हर तरह की सुविधा देना सुनिश्चित करें। यहां उनके लिए जंगल के संसाधनों को ही विकसित तथा प्रसंस्कृत कर आजीविकामूलक गतिविधियों के अवसर बढ़ाने की दिशा में काम करें।उन्होने कहा कि साढ़े तीन साल पहले और आज के कांकेर में बड़ा बदलाव महसूस किया जा सकता है। क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है। शांति कायम हुई है। पर्यटन गतिविधियों का विस्तार हो रहा है। वनोपजों के प्रसंस्करण की दिशा में बड़ा काम हो रहा है।
श्री बघेल ने कहा कि कांकेर को पूरे देश में अपने रैली ककून और मिलेट मिशन की वजह से पहचान मिलने लगी है। कोदो, कुटकी, रागी भी कांकेर की पहचान बन रही है। इनका वैल्यू एडीशन करना है और लोगों के लिए आर्थिक आय के बड़े अवसर उपलब्ध कराना है। अपने वनसंसाधनों से कांकेर की पहचान है। वनोपजों के प्रसंस्करण और क्रय को लेकर शासन की बेहतर नीति की वजह से संग्राहकों और व्यापारियों के लिए भरपूर संभावनाएं उभर कर आई हैं।इस दिशा में काम इसी तरह से निरंतर चलना चाहिए।
उन्होने पर्यटन सुविधाएं बढ़ाने की दिशा में कार्य करने अधिकारियों को निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि कांकेर बस्तर का प्रवेश द्वार है। प्रवेश द्वार से ही पर्यटकों का आकर्षण बनें, इसलिए पर्यटन अधोसंरचना को मजबूत करने कार्य करना है। उन्होंने कहा कि टाटामारी, लीमदरहा जैसे रिसार्ट मैंने देखा,बहुत अच्छा कार्य हो रहा है। इसी तरह के प्रयासों से बस्तर तेजी से पर्यटन हाटस्पाट के रूप में विकसित होगा।