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राज्यपाल का स्वैच्छिक रक्तदान के लिए लोगों से आगे आने का आह्वान

रायपुर 14 जून।छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने स्वैच्छिक रक्तदान के लिए लोगों से आगे आने का आह्वान किया हैं।

सुश्री उइके ने विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर आज स्वैच्छिक रक्तदाताओं एवं रेडक्रास सोसायटी को सहयोग देने वाली 60 स्वयंसेवी संस्थाओं एवं उच्च शैक्षणिक संस्थाओं को सम्मानित करते हुए कहा कि रक्तदान महादान है और यह अत्यंत पुण्य का कार्य है। रक्तदान के जरिए एक व्यक्ति दूसरों को नई जिंदगी देता है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि स्वैच्छिक रक्तदान के लिए आगे आएं और इस नेक कार्य में रेडक्रॉस सोसायटी का सहयोग करें।

उन्होने कहा कि आप रक्तदान कर न केवल उस मरीज की जान बचाते हैं बल्कि उस मरीज के परिवार को भी नया जीवन देते हैं, क्योंकि एक व्यक्ति के जीवन से बहुत सारे लोगों का जीवन और उनकी भावनाएं जुड़ी होती हैं। उन्होंने रक्तदाताओं एवं रक्तदान से जुड़ी स्वयंसेवी संस्थाओं, शैक्षणिक संस्थाओं को इस पुनीत कार्य में सहयोग करने के लिए बधाई दी।

उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थाओं को अपने परिसर में कैम्प लगाकर सभी विद्यार्थियों का रक्त परीक्षण कर उनके रक्त समूह एवं टेलीफोन नंबर की एक समग्र सूची बनाना चाहिए, जिससे रेडक्रॉस को एवं जरूरतमंदों को आवश्यकता पड़ने पर तत्काल खून उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि आज भी इस दिशा में जनजागरूकता की कमी है और दूरदराज के इलाकों में खून की जरूरत पड़ने पर लोगों को भटकना पड़ता है। सुश्री उइके ने प्रदेश की स्वयंसेवी संस्थाओं की सराहना की और कहा कि प्रदेश के सुदूर इलाकों में स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता लाने के कार्य किये जाने चाहिए।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में इलाज के लिए मरीजों को हर साल करीब तीन लाख यूनिट खून की आवश्यकता होती है परंतु राज्य के ब्लड बैंकों से लगभग 30 प्रतिशत ही पूर्ति हो पाती है। उन्होंने रेडक्रॉस सोसायटी छत्तीसगढ़ शाखा के कार्यों की सराहना की और कहा कि रेडक्रॉस ब्लड सेंटर रक्त की उपलब्धता के लिए निरंतर अपना योगदान दे रहा है।उन्होंने विश्वास जताया कि लोगों के सहयोग और संस्थाओं के प्रयास से राज्य के प्रत्येक जिले में रेडक्रॉस के एक आधुनिक ब्लड सेंटर की स्थापना की जा सकेगी, ताकि लोगों को सुरक्षित रक्त उपलब्ध हो सके।