हाल ही में हैदराबाद में 26 साल के एक युवक की बैडमिंटन खेलते वक्त अचानक मौत हो गई। यह सुनकर हर किसी के मन में सवाल उठता है कि क्या सच में इतना फिट और जवान इंसान भी दिल की बीमारी का शिकार हो सकता है?
बता दें, लाइफस्टाइस से जुड़े कई फैक्टर्स (Causes of Sudden Heart Failure) मिलकर एक ऐसा माहौल बना देते हैं, जिसमें हार्ट अचानक काम करना बंद कर देता है। आइए समझें सडन कार्डियक डेथ का पूरा साइंस।
क्या है सडन कार्डियक डेथ?
सडन कार्डियक डेथ तब होती है जब दिल अचानक काम करना बंद कर देता है। इसका मुख्य कारण दिल की धड़कनों का अनियमित होना है, जिसे मेडिकल भाषा में अरिथमिया (Arrhythmia) कहते हैं। हमारा दिल एक बिजली के सर्किट की तरह काम करता है, जो धड़कन को कंट्रोल करता है।
जब इस सर्किट में कोई गड़बड़ी आ जाती है, तो दिल की धड़कनें बहुत तेज या बहुत धीमी हो जाती हैं, जिससे दिल खून को शरीर में ठीक से पंप नहीं कर पाता और कुछ ही मिनटों में इंसान की मौत हो जाती है।
क्यों बढ़ रहे हैं कम उम्र में ऐसे मामले?
खराब लाइफस्टाइल: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव, नींद की कमी, फास्ट फूड और एक्सरसाइज की कमी बहुत आम है। यह सब दिल पर सीधा असर डालते हैं।
छिपी हुई बीमारियां: कई बार हार्ट में पहले से ही कुछ ऐसी समस्याएं होती हैं जिनका पता नहीं चल पाता। जैसे- कोरोनरी आर्टरी डिजीज (जब दिल की नसें ब्लॉक हो जाती हैं), हार्ट की मांसपेशियों का कमजोर होना या जन्मजात दिल की बीमारियां।
स्ट्रेस और मानसिक दबाव: युवाओं में करियर, पढ़ाई और सामाजिक दबाव बहुत ज्यादा होता है। यह तनाव ब्लड प्रेशर और हार्मोन को प्रभावित करता है, जो सीधे दिल की सेहत को बिगाड़ता है।
नशे की आदतें: धूम्रपान, शराब और अन्य नशीले पदार्थों का सेवन भी दिल की धड़कनों को अनियमित कर सकता है।
युवाओं में क्यों बढ़ रहा है खतरा?
पहले दिल की बीमारी को बुजुर्गों की समस्या माना जाता था, लेकिन आजकल 20-40 साल के लोग भी इसके शिकार हो रहे हैं।
तेज रफ्तार लाइफस्टाइल और स्ट्रेस
फास्ट फूड और प्रोसेस्ड फूड्स की आदत
बैठे-बैठे काम करने की दिनचर्या
हेल्थ चेकअप की अनदेखी
कैसे करें बचाव?
सालाना हार्ट चेकअप कराएं, खासकर अगर परिवार में हार्ट डिजीज की हिस्ट्री हो।
रोजाना 30-40 मिनट की हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करें।
बैलेंस डाइट लें, यानी ज्यादा तेल, चीनी और नमक से बचें।
स्ट्रेस कम करने के लिए मेडिटेशन, योग या हॉबी अपनाएं।
खेलकूद या जिम शुरू करने से पहले डॉक्टर से फिटनेस टेस्ट कराएं।