रायपुर 15 नवम्बर। छत्तीसगढ़ के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक(अपराध अनुसंधान) आर.के. विज ने पुलिस अधिकारियों को बच्चों पर होने वाले अपराध या बच्चों द्वारा किए जाने वाले अपराधों की विवेचना बहुत गंभीरता और संवेदनशीलता से करने की सलाह दी है।
श्री विज ने आज यहां यूनीसेफ के सहयोग से आयोजित प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षणार्थी पुलिस अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि पुलिस अधिकारी अपराध में लिप्त बच्चों को अपराधी के रूप में न देखें।पुलिस अधिकारी बच्चों पर होने वाले अपराध या बच्चों द्वारा किए जाने वाले अपराधों की विवेचना बहुत गंभीरता और संवेदनशीलता से करें, क्योंकि पुलिस द्वारा की जाने वाली कार्यवाई पर आम जनता की सीधी निगाह रहती है।
श्री विज ने कहा कि बाल अपराधों की रोकथाम के लिए केन्द्र शासन और राज्य शासन द्वारा बनाए गए कानूनों का अधिक से अधिक जानकारी पुलिस अधिकारियों को होना चाहिए, विशेषकर ‘‘पॉस्को एक्ट’’ और ‘‘जुवेनाइल जस्टिस एक्ट’’ के प्रावधानों में बाल अपराध के हर पहलू को ध्यान में रखकर नियम बनाए गए हैं।इसकी जानकारी प्रत्येक पुलिस अधिकारी को होनी चाहिए। पुलिस मुख्यालय द्वारा राज्य के सभी पुलिस अधीक्षकों को उनके जिलों में स्थित बाल सुरक्षा गृह (आब्जर्वेशन होम) का समय-समय पर निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं।
श्री विज ने आशा व्यक्त किया कि पुलिस अधिकारियों के लिए आयोजित यह प्रशिक्षण कार्यक्रम बाल अपराध को रोकने में काफी कारगर होगा। यहां से प्रशिक्षित होकर जाने वाले पुलिस अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में बच्चों के पालकों और स्कूलों के अध्यापकों को जागरूक कर सकेंगे, जिससे घर और स्कूल का वातावरण अच्छा होगा और बच्चों में आदर्श चरित्र का निर्माण होगा।
उन्होंने याद दिलाया कि बच्चे राष्ट्र की संपत्ति हैं, ये सुसंस्कृत होंगे तो अच्छे समाज और अच्छे राष्ट्र का निर्माण होगा। श्री विज ने पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया कि बच्चों की गुमशुदगी, अपहरण या ट्रैफिकिंग पर पुलिस अधिकारियों को तत्काल कार्यवाही करनी चाहिए और बाल कल्याण समितियों के साथ समन्वय बनाए रखते हुए शीघ्र रेस्क्यू की कार्यवाही करनी चाहिए।
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