नई दिल्ली 30 जुलाई।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि व्यापार और जीवन की सुगमता की तरह ही न्याय में सुगमता भी बहुत जरूरी है।
श्री मोदी ने आज यहां अखिल भारतीय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सम्मेलन में कहा कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण त्वरित न्याय दिलाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।उन्होने कहा कि न्याय प्रदान करने के साथ-साथ समाज के लिए न्यायिक प्रणाली तक पहुंच होना भी महत्वपूर्ण है।इसमें न्यायिक बुनियादी ढांचा अहम भूमिका निभाता है।श्री मोदी ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में देश की न्यायिक प्रणाली की अवसंरचना को मजबूत करने के लिए तेजी से काम किया गया।
सूचना प्रौद्योगिकी और फिनटेक क्षेत्र में भारत के नेतृत्व का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया में प्रौद्योगिकी की शक्ति को दर्शाने का इससे बेहतर समय नहीं हो सकता।उन्होंने कहा कि ई-कोर्ट मिशन के तहत देश में वर्चुअल कोर्ट शुरू किए जा रहे हैं।उन्होने कहा कि देश में वर्चुअल माध्यम से एक करोड़ से ज्यादा मुकदमों की सुनवाई हो चुकी है। प्रधानमंत्री ने दोहराया कि अमृतकाल हमारे दायित्वों को निभाने का समय है।
उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमणा ने कहा कि जिला स्तर पर न्यायपालिका को मजबूत करना समय की मांग है।न्यायमूर्ति रमणा ने कहा कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण सभी हितधारकों के साथ सहयोग कर रहा है ताकि विचाराधीन मुकदमों में राहत मिल सके।
विधि और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण ने इस महीने की 16 जुलाई से ‘विचाराधीन कैदी रिहाई समीक्षा समिति @ 75’ अभियान शुरू किया है,इसमें उन कैदियों की पहचान की जा सकेगी जिनकी रिहाई के लिए समीक्षा समिति सिफारिश कर सके।