रायपुर 01 अगस्त।छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के धार्मिक आस्था के प्रमुख केन्द्रों चंदखुरी, गिरौदपुरी और सोनाखान का नाम बदलने का निर्णय लिया हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के महापुरूषों तथा आस्था के केंद्रों को जनभावनाओं के अनुरूप नई पहचान देने के लिए प्रदेश के तीन स्थानों चंदखुरी, गिरौदपुरी और सोनाखान का नाम बदलने के निर्देश दिए है। अब चंदखुरी को माता कौशल्याधाम चंदखुरी, गिरौदपुरी को बाबा गुरू घासीदास धाम गिरौदपुरी और सोनाखान को शहीद वीरनारायण सिंह धाम सोनाखान के नाम से जाना जाएगा।
उन्होने बताया कि जनप्रतिनिधि और स्थानीय लोग लंबे समय से इन स्थानों का नाम बदलने की मांग कर रहे थे। राज्य शासन द्वारा शीघ्र ही राजपत्र में इन तीनों स्थानों के नए नामकरण संबंधी अधिसूचना का प्रकाशन किया जाएगा।
संसदीय सचिव सर्वश्री चंद्रदेव राय, गुरूदयाल सिंह बंजारे, इंद्रशाह मंडावी, यू.डी. मिंज तथा विधायक सर्वश्री बृहस्पत सिंह, गुलाब सिंह कमरो और डॉ. विनय जायसवाल ने गिरौदपुरी और सोनाखान का नाम बदलने तथा छत्तीसगढ़ गौसेवा आयोग के अध्यक्ष राजेश्री डॉ. महंत रामसुंदर दास ने चंदखुरी का नाम माता कौशल्याधाम चंदखुरी करने का अनुरोध किया था।
रायपुर से लगे चंदखुरी में विश्व का इकलौता कौशल्या मंदिर है।वहां माता कौशल्या के साथ भगवान श्रीराम अपने बालरूप में विराजे हैं। छत्तीसगढ़ को माता कौशल्या का मायका और श्रीराम का ननिहाल माना जाता है। बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में स्थित गिरौदपुरी सतनाम पंथ के लाखों अनुयायियों की आस्था का केंद्र है। यह बाबा गुरू घासीदास की जन्मस्थली और तपोभूमि है।जबकि बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में ही स्थित सोनाखान 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में छत्तीसगढ़ के प्रथम शहीद वीरनारायण सिंह के नाम से जाना जाता है।
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