रायपुर 28 अक्टूबर।छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक नवम्बर से शुरू हो रहे तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में देश के सभी राज्यों के 1400 कलाकारों के साथ ही साथ ही नौ देशों के 100 जनजातीय कलाकार भी हिस्सा लेंगे।
राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर अन्तर्राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के आयोजन की शुरूआत हुई थी।कोरोना की मुश्किलों के चलते बीच में इसका भी आयोजन बाधित हुआ लेकिन इस बाऱ फिर इसका आयोजन जोरशोर से हो रहा हैं। इस बार इस आयोजन में लगभघ 1500 जनजातीय कलाकार शामिल होंगे। इनमें से 1400 कलाकार सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के हैं, और 100 कलाकार विदेशों के होंगे। इस बार मोजांबिक, मंगोलिया, टोंगो, रशिया, इंडोनेशिया, मालदीव, सर्बिया, न्यूजीलैंड और इजिप्ट के जनजातीय कलाकार हिस्सा लेंगे।
नृत्य महोत्सव में दो कैटेगिरी में प्रतियोगिताएं होंगी। विजेताओं को कुल 20 लाख रुपए के पुरस्कारों का वितरण किया जाएगा। प्रथम स्थान के लिए 05 लाख रुपए, द्वितीय स्थान के लिए 03 लाख रुपए और तृतीय स्थान के लिए 02 लाख रुपए के पुरस्कार दिए जाएंगे। 01 नवंबर को सुबह नृत्य महोत्सव का शुभारंभ होगा और शाम को राज्योत्सव के अवसर पर राज्य अलंकरण दिया जाएगा।
नृत्य महोत्सव का समापन 03 नवम्बर को होगा।इस महोत्सव के माध्यम से न केवल राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जनजातीय कलाकारों के बीच उनकी कलाओं की साझेदारी होगी, बल्कि वे एक-दूसरे के खान-पान, रीति-रिवाज, शिल्प-शैली को भी देख-समझ सकेंगे। महोत्सव के दौरान संगोष्ठियां भी होंगी, जिनमें जनजातीय विकास के बारे में विमर्श होगा। जाने-माने विशेषज्ञ भी इसमें शामिल होंगे।
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