नई दिल्ली 02 जनवरी।उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 2016 में पांच सौ और एक हज़ार रुपये के नोटबंदी के निर्णय को सही ठहराया है।न्यायालय ने कहा है कि इस निर्णय से पहले केन्द्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक के बीच परामर्श हुआ था।
बहुमत के आधार पर फैसला देते हुए न्यायमूर्ति बी.आर. गवई ने कहा कि नोटबंदी का उद्देश्य काला बाज़ारी रोकना और आतंकी गतिविधियों के लिए धन पर रोक लगाना था। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि केन्द्र सरकार की नोटबंदी की आठ नवम्बर 2016 की अधिसूचना वैध थी। पांच न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि नोटों को बदलने के 52 दिन के समय को अनुचित नहीं कहा जा सकता है।
न्यायालय ने सात दिसम्बर को 58 याचिकाओं पर फैसलो को सुरक्षित रखा था। न्यायमूर्ति नागरत्न ने फैसले पर असहमति व्यक्त की।