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भाजपा ने राजभवन को बनाया राजनीति का अखाड़ा-भूपेश

रायपुर 03 जनवरी।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा पर राजभवन को राजनीति का अखाड़ा बनाने का आरोप लगाया हैं।

     श्री बघेल ने आज यहां प्रदेश कांग्रेस द्वारा आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर नही होने के विरोध में आयोजित जन अधिकार रैली को सम्बोधित करते हुए कहा कि संविधान में जो व्यवस्था हैं उसका पालन नही हो रहा हैं इस कारण इस रैली का आयोजन करना पड़ा है।राजभवन को भाजपा ने राजनीति का अखाड़ा बना दिया है।दो दिसम्बर को विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित विधेयक पर राज्यपाल ने अभी तक हस्ताक्षर नही किया है जबकि दिन महीना और साल बदल गया है।

    उन्होने कहा कि जब उनकी सरकार ने 83 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया था तब तो राज्यपाल ने हस्ताक्षर करने में देरी नही की थी लेकिन जब उनकी सरकार ने क्वांटिफायबल डाटा आयोग गठित कर उसकी रिपोर्ट के मद्देनजर रखते हुए जब आदिवासियों के लिए 32 प्रतिशत,अनूसूचित जाति के लिए 13 प्रतिशत ,पिछड़े वर्गों के लिए 27 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस के लिए चार प्रतिशत के आरक्षण की व्यवस्था की,तो इस पर राज्यपाल हस्ताक्षर नही कर रही है। 

     श्री बघेल ने कहा कि लोकतंत्र में जनता से बड़ा कोई नही होता है।उनकी सरकार ने किसी के साथ अन्याय नही किया, इस कारण राज्य के दो चार प्रतिशत लोगो को छोड़कर सभी ने समर्थन किया।लेकिन राज्यपाल अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर सर्वसम्मति से पारित विधेयक पर सरकार से सवाल पूछ रही है।उन्होने कहा कि राज्यपाल या तो हठधर्मिता छोड़कर सर्वसम्मति से पारित आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर करें या फिर उसे विधानसभा को लौटा दे।

     उन्होने कहा कि उच्च न्यायालय के निर्णय और राज्यपाल द्वारा आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर नही करने से राज्य में आरक्षण की स्थिति शून्य हो गई है।इस कारण सभी सरकारी नौकरियों में भर्ती, शिक्षण संस्थानों में प्रवेश आदि का काम ठप पड़ गया है।उन्होने कहा कि मोदी सरकार वैसे ही रेल, एयरपोर्ट,बंदरगाह और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को निजी क्षेत्र को बेचकर आरक्षित वर्गों से रोजगार छीनने का काम कर रही है,अब छत्तीसगढ़ सरकार के नौकरियों को देने के अधिकार को रोकने की कोशिश कर रही है। 

    श्री बघेल ने भाजपा पर आरक्षण का विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह पिछले विधानसभा चुनावों में मिली करारी शिकस्त का बदला जनता से लेना चाहती है।वह नही चाहती कि आदिवासी,किसान,मजदूर,महिला के जीवन में परिवर्तन आए।उन्होने कहा कि भाजपा 2018 में उनकी सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही मुश्किले खड़ा कर रही है।जब उन्होने धान की खरीद 2500 रूपए क्विंटल पर शुरू की तो बाधा डाला,तो उनकी सरकार ने उसका तोड़ राजीवगांधी न्याय योजना के जरिए ढूढ़ लिया,आज राज्य के किसानों को देश में सर्वाधिक 2640 रूपए किवंटल धान की कीमत मिल रही है।

     उन्होने कहा कि मोदी सरकार ने दूसरी बाधा वन अधिकार कानून को लेकर पैदा की,उसका भी हल उनकी सरकार ने ढूढ़ लिया।जमीन का पट्टा ही नही दिया बल्कि उनकी सरकार ने जमीन का समतलीकरण करवाया,बिजली दिया,धान खरीदना शुरू किया।तीसरी बाधा पुरानी पेंशन बहाली को लेकर पैदा की गई केन्द्र ने एनपीए में जमा 17 हजार करोड़ वापस करने से मना किया तो उसका भी हल उनकी सरकार ने ढूढ़ कर कैबिनेट में मंजूरी दे दी।

     श्री बघेल ने कहा कि जीएसटी,सेन्ट्रल एक्साइज का पैसा भी देने में राज्य के साथ केन्द्र बर्ताव अच्छा नही है।उन्होने कहा कि आरक्षण के मसले पर उनकी सरकार राज्य के लोगो के हित में पूरी लड़ाई लड़ेगी और भाजपा की आरक्षण से वंचित करने की चाल सफल नही होने देंगी।उन्होने नारा दिया कि..लड़ाई लड़बो और जीतबों..।रैली को कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं राज्य की प्रभारी कुमारी शैलेजा,प्रदेश कांग्रेस ध्यक्ष मोहन मरकाम सहित कई नेताओं ने सम्बोधित किया।