रायपुर/खैरागढ़ 29 दिसम्बर।छत्तीसगढ़ के कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद देवव्रत सिंह ने काफी समय से प्रदेश कांग्रेस द्वारा की जा रही अपनी उपेक्षा के चलते आज पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
श्री सिंह ने अपने निवास कमल विलास पैलेस में आयोजित पत्रकार सम्मेलन में अपने इस्तीफे की जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने अपना लिखित इस्तीफा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राहुल गांधी को ई मेल के माध्यम से इस्तीफा प्रेषित कर दिया है। उन्होंने अपने इस्तीफे की वजह को स्पष्ट करते हुए कहा है कि बीते लगभग पांच वर्षो से वे पार्टी में उपेक्षा के शिकार थे, प्रदेश संगठन उन्हें लगातार उपेक्षित करते आ रहा था।
उन्होने पत्रकारों के उपेक्षित करने वाले का नाम पूछे जाने पर फिलहाल कोई टिप्पणी नही की और कहा कि अपनी अंतरात्मा की आवाज़ पर उन्होंने यह निर्णय लिया है।उपेक्षा के लंबे दौर में उन्होंने बहुत चिंतन मनन किया फिर पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया है।
श्री सिंह ने कहा कि अब उनके पास दो विकल्प है या तो वो राजनीति से संन्यास ले ले या दूसरे राजनीतिक विकल्पों की तलाश करे। उन्होंने कहा कि वो दूसरे विकल्प अर्थात राजनीति में ही रहना पसंद करेंगे, बहरहाल परिवार के साथ मुंबई छुट्टियों में जा रहे है। लौट कर राजनीति की नई पारी की शुरुआत करेंगे। जोगी कांग्रेस में शामिल होने के सवाल को वो टाल गए।
श्री सिंह लोकसभा का राजनांदगांव सीट से उप चुनाव जीतकर सांसद बने थे।बाद में पार्टी ने उनका लोकसभा टिकट भी काट दिया था।वह कांग्रेस छोड़ कर नई पार्टी बना चुके पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के करीबी थे,लेकिन वह उनके कांग्रेस छोडते समय उनके साथ नही गए थे।इसके बाद भी उन्हे जोगी का ही नजदीकी माना जाता रहा।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल का उन्होने हालांकि आज नाम नही लिया लेकिन इशारा उन्ही की ओर था।बघेल पर जोगी के कभी नजदीकी रहे लोगो के प्रति उपेक्षापूर्ण व्यवहार करने के आरोप लगते रहे है।
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