नई दिल्ली 29 दिसम्बर।लोकसभा ने आज दिवालिया और ऋण शोधन अक्षमता संहिता संशोधन विधेयक 2017 आज ध्वनिमत से पारित कर दिया है।
विधेयक में कर्ज अदायगी में चूक करने वालों को समाधान योजना से प्रतिबंधित करने का भी प्रावधान है।एक वर्ष से अधिक समय से जानबूझकर कर्ज न चुकाने वाली कंपनियों के मालिक, प्रोमोटर और प्रबंधक इसके दायरे में आएंगे। विधेयक में ऋण परिशोधन व्यवस्था के दौरान जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों को अपनी सम्पत्ति को बेचने से रोकने का भी प्रावधान होगा।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने चर्चा का जवाब देते हुए कांग्रेस के इस दावे को खारिज कर दिया कि एनडीए के शासनकाल में बैंकों के फंसे हुए कर्ज की रकम में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने पिछली यूपीए सरकार पर परिसम्पत्तियों का पुनर्गठन कर बैंकों फंसे कर्ज के वास्तविक आंकड़ों को छुपाने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने फंसे कर्जों की वास्तविक स्थिति का खुलासा किया है।
उन्होने कहा कि ..बैंक्स, ये जितने भी अभी तक ये आई बी सी में लोन्स इन्वोल्वड हैं, ये सारे वो हैं जो पुराने समय में दिये गये। बिना किसी सिक्योरिटी के दे देना, तो फिर नियत पर भी प्रश्नचिन्ह आता है। 2014 तक वास्तविक स्थिति यह थी कि यह सारे लोन उसके पहले के हैं और देश और अपनी आंखों में धूल झोंकते रहिये, कि ये एन पी, एन पी ए नहीं और फिर कहिये मेरे वक्त ढाई पर्सेन्ट था अब चार पर्सेन्ट कैसे हो गया..।
इससे पहले चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के गौरव गोगोई ने आरोप लगाया कि सरकार सकल घरेलू उत्पाद और रेटिंग संबंधी आंकड़ों को तोड़मरोड़ कर पेश कर रही है।
CG News | Chhattisgarh News Hindi News Updates from Chattisgarh for India