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छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान में लगे हैं 80 हजार सुरक्षा बल – सुब्रमण्यम

रायपुर 02 जनवरी।छत्तीसगढ़ के प्रमुख सचिव गृह बी.बी.आर सुबमण्यम ने कहा कि राज्य को 2022 तक मुक्त करने के लिए नक्सल विरोधी अभियान में 75 हजार सुरक्षा बल जुटे है एवं जून तक इसमें पांच हजार की और बढ़ोत्तरी होने के बाद इनकी संख्या बढ़कर 80 हजार हो गई है।

श्री सुबमण्यम ने आज पुराने पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि जून माह तक केन्द्रीय बलों की पांच और बटालियनों की तैनाती के बाद इनकी संख्या बढ़कर लगभग 80 हजार हो जायेंगी।उन्होने कहा कि इन पांच बटालियनों का नक्सल मोर्चे पर काफी महत्व इसलिए है कि इनमें बड़ी संख्या में जवान इसी इलाके के निवासी है जिनके लिए भौगोलिक स्थितियां आदि उनके लिए अनकूल है।

उन्होने कहा कि नक्सली बस्तर में सुरक्षा बलों के बढ़ते दबाव के कारण नए इलाके में अपनी पैठ बढ़ाने में जुटे है,और ऐसी खबरे हैं कि वह छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले से राजनादगांव मध्यप्रदेश के बालाघाट होते हुए महाराष्ट्र के गोदिया से लेकर गढ़ चिरौली तक नया कारीडोर बनाने का प्रयास कर रहे है।तीन राज्यों का सीमावर्ती क्षेत्र होने के नाते उन्हे यह सुरक्षित इलाका लग रहा है।उन्होने कहा कि इसे लेकर सुरक्षा बल एवं सरकार दोनो सजग एवं सतर्क है।

श्री सुबमण्यम ने कहा कि राज्य के 27 जिलों में से 16 के नक्सल प्रभावित होने का उल्लेख करते हुए बस्तर संभाग के सात जिलों के अलावा राजनांदगांव सर्वाधिक नक्सल प्रभावित जिले है,जबकि कवर्धा जिले को इसमें शामिल करने के लिए केन्द्र से अनुरोध किया गया है।उन्होने कहा कि नक्सलियों के कारीडोर बनाने के प्रयासों के मद्देनजर कवर्धा को भी शामिल किए जाने की उम्मीद है,जिससे कि केन्द्र से कई मदद मिलने लगेंगी।

उन्होने दावा किया कि बस्तर इलाके में नक्सली पूरी तरह से दबाव में है और 65 प्रतिशत इलाके को उनसे मुक्त करवा लिया गया है।बीजापुर एवं सुकमा जिले के इलाकों में सुरक्षा बल उनसे आखिरी और अपेक्षाकृत कठिन लड़ाई लड़ रहे है।उन्होने कहा कि उत्तर छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खात्में में सफलता जल्दी मिली लेकिन दक्षिण छत्तीसगढ़ में चुनौती ज्यादा है क्योंकि एक लम्बे समय से नक्सलियों की टाप लीडरशिप के लिए बस्तर काफी सुरक्षित इलाका रहा है।

इस मौके पर राज्य के पुलिस महानिदेशक आर.एन उपाध्याय एवं विशेष पुलिस महानिदेशक (नक्सल आपरेशन) डी.एम.अवस्थी ने बताया कि बीते वर्ष में 76 नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराया गया तथा एक हजार से अधिक को गिरफ्तार किया गया है।उन्होने बताया कि मारे गए नक्सलियों में 51 इनामी नक्सली थे और इनमें 12 आठ – लाख रूपए के इनामी थे।उन्होने बताया कि इस दौरान 1017 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया जिनमें 79 इनामी नक्सली शामिल है।इनमें 13 पर पांच –पांच लाख का इनाम घोषित था।

उन्होने बताया कि इस दौरान 48 इनामी समेत 365 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया जिनमें छह पर आठ-आठ लाख तथा छह पर पांच – पांच लाख का इनाम घोषित था।इस दौरान कुल 221 हथियार बरामद किए गए जिनमें एक एलएमजी,छह ए.के.47,छह इंसास तथा पांच एसएलआर राइफल शामिल है।इसके अलावा 100 ग्रेनेड, 1280 किलो विस्फोटक 2329 जेटोनेटर भी बरामद किया गया है।

श्री अवस्थी ने बीते वर्ष नक्सलियो को कड़ी चुनौती देने का दावा करते हुए कहा कि इस दौरान दक्षिण सुकमा एवं नारायणपुर जिलों में अबूझमाड के उन इलाकों में सुरक्षा बलों ने खुफिया सूचनाओं पर आधारित प्रहार आपरेशन एक एवं दो चलाया गया जोकि नक्सलियों का गढ़ रहा है और पहले सुरक्षा बल वहां नही पहुंच पाते रहे है।उन्होने दावा किया कि प्रहार के दोनो आपरेशनों में नक्सलियों को शीर्ष कैडर के 40 लोग मारे गए।