नई दिल्ली 14 मार्च।भारत की कुल 22 भाषाओं को भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया है।
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि 26 जनवरी 50 को 14 भाषाओं को संविधान में शामिल किया गया था। उन्होंने कहा कि 7 जनवरी 04 को बोडो, डोगरी, मैथिली और संथाली को भाषाओं की आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया था। संबलपुरी-कोसली, गढ़वाली और कुमाऊँनी सहित 38 भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए समय-समय पर माँग की जाती रही है।
केन्द्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि इनमें से कई भाषाएं कई राज्यों में बोली जाती हैं, इसलिए, उनका उपयोग राज्य की सीमाओं से प्रतिबंधित नहीं है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में संविधान की आठवीं अनुसूची में किसी भी भाषा को शामिल करने के लिए कोई निश्चित मानदंड नहीं है।