रायपुर 20 जनवरी।छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि धान की खेती को टिकाऊ बनाने के लिए इसकी उत्पादन लागत कम करने की जरूरत है जो कृषि यंत्रीकरण से ही संभव है।धान की खेती में मशीनों के उपयोग को बढ़ावा देना होगा।
श्री अग्रवाल ने आज यहां इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के 32वें स्थापना दिवस के अवसर पर टाटा ट्रस्ट मुम्बई के सहयोग से धान की टिकाऊ खेती विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ किया। उन्होंने इस अवसर पर कुरूद, महासमुंद, बालोद, कोरबा एवं जशपुर में पांच नये कृषि महाविद्यालय खोलने की घोषणा की। शुभारंभ समारोह की अध्यक्षता इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.के. पाटील ने की।
कृषि महाविद्यालय रायपुर के सभागार में आयोजित समारोह में कृषि मंत्री ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के 32वें स्थापना दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय प्रशासन, कृषि वैज्ञानिकों, शिक्षकों एवं कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय ने बहुत कम समय में देश में अपना विशेष स्थान बनाया है। छत्तीसगढ़ राज्य के कृषि विकास में कृषि विश्वविद्यालय के महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि विश्वविद्यालय आने वाले समय में देश के अग्रणी कृषि विश्वविद्यालयों में गिना जाएगा। उन्होंने विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों से धान की खेती की लागत कम करने के लिए इसमें माइक्रो इरिगेशन तकनीक – ड्रिप एवं स्प्रिंकलर के उपयोग पर अनुसंधान करने का आव्हान किया।