रायपुर 02 मई।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं मितानिन वास्तव में मानवता की सेवा करती है। आप लोगो ने छत्तीसगढ़ में जो कार्य किया है वह अतुलनीय है। यह मानवता की सेवा की मिसाल है।
श्री बघेल आज राजधानी के साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित आभार सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे।सम्मेलन में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने मुख्यमंत्री को गज माला पहनाकर और स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया और मानदेय बढ़ाने के निर्णय को लेकर अपनी खुशियां जाहिर की। इस अवसर पर उत्कृष्ट कार्य के लिए 6 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और 5 मितानिनों को सम्मानित किया गया। साथ ही महिला कोष से 6 स्व-सहायता समूहों को 10 लाख रूपए के ऋण राशि का चेक सौंपा गया।
श्री बघेल ने सम्मेलन में सक्षम योजना अंतर्गत योजना के लाभ के लिए महिलाओं की वार्षिक आय की सीमा 1 लाख रूपए से बढ़ाकर 2 लाख रूपए किए जाने,महिला समूहों को दिए जाने वाली ऋण राशि की सीमा 4 लाख से बढ़ाकर 6 लाख किए जाने, 5000 आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि 14 नवंबर को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका को सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने घोषणा की कि ब्लॉक कोऑर्डिनेटर तथा मास्टर ट्रेनर के लिए पावस सत्र से व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने इस मौके पर महिला एवं बाल विकास तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगाए स्टॉलों का भी निरीक्षण किया।
उन्होने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका कुपोषण के खिलाफ जंग लड़ रही है। उनके इस उल्लेखनीय कार्य के कारण ही हमारे राज्य में कुपोषण की दर 37.7 प्रतिशत थी, वह अब 31.3 प्रतिशत रह गई है। आप सबके सहयोग से इसे न्यूनतम लाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने आप सभी बहनों के सहयोग से मलेरिया के खिलाफ संघर्ष किया। हमने मां दंतेवश्वरी की पूजा कर मलेरिया मुक्त बस्तर का प्रण लिया और आज सफल होते दिख रहे हैं। हमारी मितानिन बहनों द्वारा घर-घर जाकर मलेरिया की जांच की जा रही है और दवाईयां दी जा रही है। इन्हीं प्रयासों के फलस्वरूप मलेरिया के प्रकरणों में कमी आई है।
स्वास्थ्य मंत्री टी.एस.सिंहदेव ने कहा कि घोषणा पत्र में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका को कलेक्टर दर पर मानदेय का प्रावधान किया गया, जो आज पूरी की गई है। मितानिन बहनों को ज्यादा परिश्रमिक मिले मैं। आप सब की तरफ से मुख्यमंत्री जी का आभार व्यक्त करना चाहता हूं कि उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाकर 10 हजार एवं मितानिन बहनों को 2200 रूपए प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की।
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंडिया ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में उनके मानदेय में लगभग दोगुनी वृद्धि कर दी है। आज आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और मितानिन बहनें बहुत खुश हैं। सबके चेहरों की खुशियां बरकरार रहे यही राज्य सरकार का लक्ष्य है। श्रीमती भेंड़िया ने कहा कि कुपोषण के स्तर में कमी लाने में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं की भागीदारी बहुत महत्वपूर्ण है।
कार्यक्रम में संसदीय सचिव श्रीमती रश्मि आशीष सिंह, संसदीय सचिव सर्वश्री गुरूदयाल सिंह बंजारे, विधायक श्री सत्यनारायण शर्मा, श्री धनेन्द्र साहू, छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष श्री कुलदीप जुनेजा, विधायक डॉ. विनय जायसवाल, श्रीमती संगीता सिन्हा, श्रीमती अनिता योगेन्द्र शर्मा, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, छत्तीसगढ़ बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती तेजकुंवर नेताम, रायपुर नगर निगम के सभापति श्री प्रमोद दुबे, वरिष्ठ अधिकारियों सहित बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाएं, मितानिन उपस्थित थीं।