रायपुर, 16 मई।छत्तीसगढ़ के कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने उद्यानिकी एवं वाणिज्यिक फसलों की खेती पर जोर देते हुए कहा कि इनकी खेती के लिए आकर्षक अनुदान के साथ इस साल से सहकारी बैंक जीरो प्रतिशत ब्याज पर ऋण भी मुहैया करा रही है।
डॉ.सिंह आज बिलासपुर एवं सरगुजा संभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर खरीफ फसल निर्धारण एवं वर्ष 2022-23 की रबी फसल कार्यक्रम की समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। डॉ. सिंह ने बिलासपुर एवं सरगुजा संभाग के जिलों में राज्य सरकार की मिलेट मिशन की सफलता पर खुशी जताई है। दोनों संभाग मिलाकर लगभग 50 हजार हेक्टेयर में पहली बार इसकी फसल ली जा रही है।
उन्होने कहा कि इस साल खाद की पर्याप्त उपलब्धता है। गत साल के विपरीत सभी तरह की खाद भरपूर पात्रा में उपलब्ध हैं। अब तक कुल मांग का 50 प्रतिशत भंडारित किया जा चुका है। किसानों को अग्रिम उठाव के लिए प्रोत्साहित किया जाए। गोदामों में जगह खाली होने पर पुनः आपूर्ति की जाएगी।उन्होने कहा कि गोठानों में रोज गोबर खरीदी हो। इससे बने कंपोस्ट किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा।
डा.सिंह ने किसानों को धान की नई प्रजातियों को लोकप्रिय बनाने के निर्देश दिए। ये अपेक्षाकृत ज्यादा फायदेमंद होती हैं। नई प्रजातियां कम अवधि में पक जाती हैं। जिसके कारण रबी की खेती के लिए किसानों को पर्याप्त समय एवं नमी मिल जाता है। उन्होंने बताया कि मरवाही एवं सरगुजा में धान की कई सुगंधित प्रजातियों को जिओ टेग मिली हुई है। इससे इनका बाजार मूल्य काफी बढ़ गया है। इसलिए उन क्षेत्रों में ज्यादा रकबे में जिओ टेग वाली फसल उगाया जाए ताकि किसानों को ज्यादा से ज्यादा फायदा हो सके। उन्होंने सूरजपुर के गन्ना किसानों को कबीरधाम जिले का भ्रमण कराने का सुझाव दिया।