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छत्तीसगढ़ में प्रति व्यक्ति आय में पौने आठ हजार रूपय़े का इजाफा

रायपुर 09 फरवरी।छत्तीसगढ़ में प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2016-17 के त्वरित अनुमान के अनुसार 84,265 रूपये से बढ़कर वर्ष 2017-18 में 92035 रूपये होना अनुमानित है, जो पिछले वर्ष की तुलना  में 9.22 प्रतिशत वृद्धि दर्शाता है।

मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने आज विधानसभा परिसर में राज्य सरकार के वर्तमान वित्तीय वर्ष 2017-18 के आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट पुस्तिका का विमोचन किया। उन्होंने रिपोर्ट जारी करते हुए इस बात पर खुशी जतायी कि  राज्य में प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2016-17 के त्वरित अनुमान के अनुसार 84,265 रूपये से बढ़कर वर्ष 2017-18 में 92035 रूपये होना अनुमानित है।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2017-18 में छत्तीसगढ़ राज्य का जीएसडीपी प्रचलित भाव पर 2 लाख 92 हजार करोड़ रुपए अनुमानित है। वर्ष 2016-17 में जीएसडीपी 2 लाख 62 हजार करोड़ था। इस वर्ष जीएसडीपी विकास दर 11.22 प्रतिशत अनुमानित है।मुख्यमंत्री ने बताया कि जीडीपी विकास दर (वर्ष 2011-12 के स्थिर भाव पर ) वर्ष 2017-18 में छत्तीसगढ़ की जीडीपी विकास दर 6.65 प्रतिशत थी, जबकि भारत के लिए यह दर 6.5 प्रतिशत है। वर्ष 2017-18 में जीएसडीपी के अलग अलग घटकों की विकास दर (स्थिर भावों पर) कृषि क्षेत्र की छत्तीसगढ़ की 2.89 प्रतिशत अनुमानित है, भारत की कृषि क्षेत्र की विकास दर 2.13 प्रतिशत अनुमानित है।

डॉ.सिंह ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र की विकास दर छत्तीसगढ़ में 5.84 प्रतिशत अनुमानित है और भारत की 4.37 प्रतिशत है। इसी प्रकार सेवा क्षेत्र में छत्तीसगढ़ की विकास दर 9.46 प्रतिशत और देश की 8.28 प्रतिशत अनुमानित है। अखिल भारतीय वृद्धि दर से तुलनात्मक रूप से हमारा प्रदर्शन बेहतर अनुमानित है।

मुख्यमंत्री ने वर्ष 2011-12 के स्थिर भाव में जीडीपी में क्षेत्रवार योगदान का छत्तीसगढ़ एवं भारत के तुलनात्मक विवरण की जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2017-18 में कृषि क्षेत्र का जीडीपी में योगदान 17.1 प्रतिशत और देश में कृषि क्षेत्र का योगदान 14.6 प्रतिशत अनुमानित है। इसी प्रकार जीडीपी में औद्योगिक क्षेत्र का योगदान छत्तीसगढ़ में 47.7 प्रतिशत और भारत के जीडीपी में औद्योगिक क्षेत्र का योगदान 30.6 प्रतिशत अनुमानित है। जीडीपी में सेवा क्षेत्र का योगदान छत्तीसगढ़ में 35.2 प्रतिशत और भारेत में 54.8 प्रतिशत अनुमानित है।