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छत्तीसगढ़ में सरकारी कर्मचारियों की संख्या 2.64 लाख से बढ़कर हुई 4.26 लाख

रायपुर 15 फरवरी।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने कहा कि वर्ष 2003 में शासकीय विभागों, स्थानीय निकायों, विभिन्न मंडलों और निगमों तथा विश्वविद्यालयों आदि में दो लाख 64 हजार कर्मचारी थे, जिनकी संख्या विगत 14 वर्ष में अब बढ़कर चार लाख 26 हजार हो गई है। इस प्रकार एक लाख 62 हजार नये युवाओं को इन संस्थाओं में नौकरी मिली है।

डॉ. सिंह आज शाम यहां विधानसभा में अपनी सरकार के आगामी वित्तीय वर्ष 2018-19 के बजट पर सामान्य चर्चा का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भर्तियों से प्रतिबंध हटाकर प्रदेश के युवाओं को सरकारी काम-काज से जोड़ा। मुख्यमंत्री ने राज्य शासन के कुछ बड़े विभागों में हुई भर्तियों का भी ब्यौरा दिया।उन्होंने बताया कि पुलिस विभाग में कर्मचारियों की संख्या 26 हजार से बढ़कर 75 हजार अर्थात लगभग तिगुनी हो गई है।

उन्होने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग में कर्मचारी और सेवाप्रदाताओं की संख्या 44 हजार से बढ़कर एक लाख 04 हजार अर्थात दोगुने से ज्यादा, स्वास्थ्य विभाग में अमले की संख्या 10 हजार 863 से बढ़कर 35 हजार 146 अर्थात तीन गुना और नगरीय निकायों में कर्मचारियों की संख्या 14 हजार से बढ़कर 33 हजार यानी लगभग ढाई गुना हो गई है।उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपने जमीनी कर्मचारियों के उत्साह को बढ़ाने के लिए उनके हित में कई निर्णय लिए हैं।

डा.सिंह ने कहा कि पंचायत विभाग में पन्द्रह वर्ष की सेवा वाले पंचायत सचिवों को उच्चतर वेतनमान 5200-20200, ग्रेड पे 2400 और 15 वर्ष से कम सेवा वाले पंचायत सचिवों को हर महीने 1500 रूपए का विशेष वेतन देने का प्रावधान किया गया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मानदेय राशि 4000 रूपए से बढ़ाकर 5000 रूपए, सहायिकाओं की मानदेय राशि 2000 से बढ़ाकर 2500 रूपए और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकताओं की मानदेय राशि 2250 रूपए से बढ़ाकर 2750 रूपए की गई है। प्रदेश की एक लाख से ज्यादा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को इसका लाभ मिलेगा।