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प्रेमप्रकाश के विभागों की लगभग 3333 करोड़ रूपए की अनुदान मांगें पारित

रायपुर 22 फरवरी।राजस्व, आपदा प्रबंधन, उच्च शिक्षा, कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा और रोजगार विभाग तक विज्ञान और टेक्नालॉजी विभाग के लिए आगामी वित्तीय वर्ष 2018-19 से संबंधित बजट प्रस्तावों के अनुरूप कुल 3332 करोड़ 95 लाख की अनुदान मांगों को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।

इन विभागों के मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने अनुदान मांगों पर हुई चर्चा के जवाब में बताया कि राज्य सरकार ने आम जनता की समस्याओं को ध्यान में रखकर प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण किया है। इसके तहत पांच राजस्व संभाग बनाए गए। वर्ष 2004 में राज्य में 16 जिले थे, जिनकी संख्या बढ़कर आज 27 हो गई है। इस अवधि में राजस्व अनुविभागों की संख्या 61 से बढ़कर 88, तहसीलों की संख्या 98 से बढ़कर 150, राजस्व निरीक्षक मंडलों की संख्या 229 से बढ़कर 720 और पटवारी हल्कों की संख्या 3086 से बढ़कर 5777 हो गई है।

श्री पाण्डेय ने बताया कि आम जनता को डिजिटल हस्ताक्षर वाले खसरा और बी-वन (खाता) की प्रतिलिपि निःशुल्क देने की योजना शुरू की गई है। इसके अंतर्गत प्रदेश में अब जमीनों से संबंधित दो करोड़ 16 लाख 98 हजार 236 खसरों में से एक करोड़ 65 लाख 38 हजार 626 खसरे तथा कुल 58 लाख 55 हजार 666 खातों (बी-वन) में से 38 लाख 86 हजार 858 खातों की प्रतिलिपि (नकल) ऑनलाइन उपलब्ध हैं, जिन्हें कोई भी व्यक्ति कहीं से भी और किसी भी समय प्राप्त कर सकता है।

उन्होंने बताया कि इस प्रकार कुल 77 प्रतिशत खसरों और 67 प्रतिशत खाते डिजिटल हो चुके हैं। शेष खसरों और बी-वन की डिजिटल हस्ताक्षर वाली प्रतिलिपियां भी 31 मार्च 2018 तक ऑनलाइन उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। उन्होंने यह भी बताया कि आवेदन प्राप्त होने पर एक सप्ताह के भीतर आवेदक को वांछित खसरे और बी-वन की प्रतिलिपि उपलब्ध कराई जा रही है।

श्री पाण्डेय ने बताया कि भूमि स्वामियों को उनकी जमीनों से संबंधित राजस्व अभिलेखों में परिवर्तन की सूचना मोबाइल फोन पर एसएमएस के जरिए देने की व्यवस्था भी शुरू की गई है। कई बार ऐसी शिकायतें मिलती थी कि भू-स्वामी की जमीन उसकी जानकारी के बिना किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर परिवर्तित कर दी गई है। ऐसी शिकायतें अब दूर हो जाएंगी। जब कभी किसी भू-अभिलेख में कोई परिवर्तन होगा तो भू-स्वामी के पंजीकृत मोबाइल नम्बर पर इसकी सूचना एसएमएस की जरिए मिल जाएगी।

श्री पाण्डेय ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी सर्वेक्षण का कार्य पूर्ण कर पट्टा बनाने का काम प्रक्रियाधीन है। बहुत जल्द इन आबादी पट्टों का वितरण शुरू किया जाएगा। शहरी क्षेत्रों में शामिल 480 गांवों में 381 गांवों में भी आबादी सर्वेक्षण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है।उन्होंने बताया कि राजस्व विभाग द्वारा वर्ष 2014-15 में ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक पटवारी के प्रभार क्षेत्र के एक गांव को राजस्व विवाद मुक्त गांव बनाने का निर्णय लिया गया था। इसके अंतर्गत प्रदेश के 18 हजार 169 गांवों को राजस्व विवाद मुक्त बनाने का लक्ष्य लेकर विगत चार वर्ष में दस हजार 792 गांवों को राजस्व विवाद मुक्त ग्राम घोषित किया गया है।

श्री पाण्डेय ने उच्च शिक्षा विभाग की अनुदान मांगों का उल्लेख करते हुए बताया कि अब छत्तीसगढ़ के सभी पांच राजस्व संभागीय मुख्यालयों में राज्य शासन द्वारा विश्वविद्यालय स्थापित किए जा चुके हैं। विगत कुछ वर्षों में 105 नये सरकारी कॉलेज खोले गए। इनमें से 58 कॉलेजों की स्थापना दूर-दराज के इलाकों और आदिवासी क्षेत्रों में की गई। उन्होंने यह भी बताया कि नये बजट में शैक्षणिक सत्र 2018-19 में राज्य में 30 नये सरकारी कॉलेजों की स्थापना की जाएगी। इसके लिए 15 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। ये कॉलेज क्रमशः लखनपुर (जिला सरगुजा), गोहरापदर (जिला गरियाबंद), मनोरा (जिला जशपुर), ओड़गी (जिला सूरजपुर), बागबहार और मनोरा (जिला जशपुर),जटगा (जिला कोरबा), मैनपाट (जिला सरगुजा), नरहरपुर (जिला कांकेर), केल्हारी (जिला कोरिया), औंधी (जिला-राजनांदगांव), झलमला (जिला-कबीरधाम), ठेलकाडीह (जिला-राजनांदगांव), पिरदा, चिरको और तेन्दूकोना (जिला महासमुन्द), मचान्दूर और जामुल (जिला दुर्ग), सिलौटी (जिला-धमतरी), भाठागांव, समोदा और गुढ़ियारी (जिला रायपुर), सोनाखान , वटगन, और मोपका-निपनिया (जिला बलौदाबाजार), कुईकुकदुर (जिला कबीरधाम), परपोड़ी (जिला दुर्ग), माहुद-बी (जिला बालोद), बिर्रा (जिला-जांजगीर चांपा), अमोरा (जिला-मुंगेली) में खोले जाएंगे।