नई दिल्ली 25 फरवरी।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संकट के दौरान जन सुरक्षा के प्रति पूर्व सतर्कता और तैयारी पर जोर दिया है।उन्होंने कहा कि लोगों को सुरक्षा के बारे में जागरूक होना चाहिए।
श्री मोदी ने आज आकाशवाणी पर मन की बात कार्यक्रम में कहा कि आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस यानी यांत्रिक बुद्धि जैसी प्रौद्योगिकी का उपयोग गरीब, वंचित और जरूरतमंद लोगों के जीवन में सुधार लाने के लिए किया जा सकता है।उन्होने कहा कि हाल में मुम्बई में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने वैज्ञानिकों से अपील की थी कि वे यांत्रिक बुद्धि का उपयोग प्राकृतिक आपदाओं के अनुमान और दिव्यांगजनों के जीवन को सुगम बनाने के लिए करें। श्री मोदी ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग मानवीय आवश्यकताओं के अनुसार किया जाता है।
उन्होने 28 फरवरी को मनाए जाने वाले राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की चर्चा करते हुए कहा कि एक तरफ महान गणितज्ञ बोधायन, भास्कर, ब्रह्मगुप्त और आर्यभट्ट की परंपरा रही है तो दूसरी तरफ चिकित्सा के क्षेत्र में सुश्रुत और चरक हमारा गौरव हैं। सर जगदीश चन्द्र बोस और हरगोविंद खुराना से लेकर सत्येन्द्र नाथ बोस जैसे वैज्ञानिक-ये भारत के गौरव हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बेहतर जागरुकता के कारण लू से होने वाली मौतों में काफी कमी आई है।अगले वित्तवर्ष के बजट में स्वच्छ भारत मिशन के तहत घोषित गोबर धन कार्यक्रम का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि भारत में प्रतिदिन तीस लाख टन गोबर का उत्पादन होता है उसका उपयोग ऊर्जा पैदा करने और कम्पोस्ट खाद बनाने के काम में किया जा सकता है।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत महिलाओं के विकास की जगह अब महिला नेतृत्व में विकास की ओर बढ़ रहा है।प्रधानमंत्री ने कहा कि न्यू इंडिया का सपना वही है जिसमें नारी सशक्त हो, सबल हो और देश के समग्र विकास में बराबर की भागीदार हो। उन्होंने झारखंड की उन 15 लाख महिलाओं का उल्लेख किया जिन्होंने लगातार एक महीने तक स्वच्छता अभियान में सक्रियता पूर्वक भाग लिया।
श्री मोदी ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि स्वतंत्रता के 70 वर्ष बाद मुम्बई के निकट एलिफेंटा द्वीप के तीन गांवों को बिजली मिलने लगी है।
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