नई दिल्ली 03 अगस्त।मणिपुर हिंसा मुद्दे पर संसद ने दोनो सदनों में गतिरोध लगातार बना हुआ है।
विपक्षी पार्टियों के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही 02 बजे तक के लिए स्थगित की गई। आज सवेरे लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने पीठासीन अधिकारी राजेंद्र अग्रवाल से आग्रह किया कि वे अध्यक्ष ओम बिरला से लोकसभा की कार्यवाही की अध्यक्षता फिर से शुरु करने का अनुरोध करें।
कांग्रेस, डीएमके, टीएमसी, जदयू और विपक्षी सदस्यों ने सदन में नारेबाजी की। यह सदस्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान की मांग करते हुए सदन के बीचों-बीच आ गए। शोर-शराबे के बीच पीठासीन अधिकारी ने प्रश्नकाल चलाने की कोशिश की, लेकिन वे सफल नहीं हो पाए। बाद में सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।
राज्यसभा में भी ऐसी ही स्थिति देखने को मिली। सदन की कार्यवाही शुरु होते ही सभापति जगदीप धनखड ने मणिपुर और अन्य मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों द्वारा दिये गये स्थगन नोटिस को अस्वीकृत कर दिया। टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि लोग मणिपुर मुद्दे को लेकर सुनना चाहते हैं। सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि मणिपुर एक संवेदनशील मुद्दा है और सरकार मणिपुर के लोगों के साथ है। उन्होंने कहा कि सरकार चर्चा के लिए तैयार है।
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने सदन की सभी कार्यवाहियों को रोककर नियम 267 के अंतर्गत चर्चा करवाने की विपक्षी पार्टियों की मांग को दोहराया। सभापति ने कहा कि हर कोई इस मुद्दे पर चर्चा चाहता है और इसे स्वीकार कर लिया गया है। विपक्षी सदस्यों ने मणिपुर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान की मांग करते हुए सदन से वॉकआउट किया।