
पंजाब नेशनल बैंक में 11300 करोड़ की स्कैम में भाजपा के लिए सबसे बड़ी परेशानी का सबब यह है कि वो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से घोटालों के मुख्य आरोपी नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी के जग-जाहिर रिश्तों का पिंड-दान करके राजनीतिक-मोक्ष कैसे प्राप्त करे? कर्नाटक के विधानसभा चुनाव ने पिंड-दान की कूट-प्रक्रियों को कठिन और दुरूह बना दिया है। भ्रष्टाचार के खिलाफ मंत्रोच्चार करके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस के पुरखों को राजनीतिक-नर्क की ओर ढकेल दिया था। अब नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के घपलों की प्रेत-आत्मा उनके आंगन में कुंडली बांधकर बैठ गई है।
बैंक-घोटालों के मामलो मे विपक्ष किसी भी कीमत पर मोदी को बख्शने के लिए तैयार नही है। नीरव मोदी से रिश्तों को झटकने के लिए आतुर भाजपा को नया झटका एनसीपी के वरिष्ठ नेता सांसद माजिद मेमन ने दिया है। मेमन का आरोप है कि घोटाले के सिलेब्रेटी जूलर नीरव मोदी ने नोटबंदी के चंद घंटे पहले पीएनबी की एक शाखा में 90 करोड़ रूपए जमा किए थे। माजिद ने एक रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि 8 नवम्बर 2016 के दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की थी। उसके कुछ घंटे पहले नीरव ने बैंक में 90 करोड़ केश जमा कराए थे। शायद उन्होने ने उसे बुलियन में बदल दिया हो। इस मामले में कितनी सच्चाई है, उचित तरीके से इसकी पूरी जांच होना चाहिए?
जब नीरव मोदी ने देश छोड़ा था तब माजिद को इसका पता चला था। माजिद ने 23 फरवरी को अपने ट्वीटर पोस्ट में भी नीरव मोदी और बीजेपी की अगुवाई वाली केन्द्र सरकार के बीच मिलीभगत पर शक जताया है कि ‘एक रिपोर्ट मे खुलासा हुआ है कि पीएम के नोटबंदी के ऐलान से चंद घंटो पहले 8 नवम्बर 2016 को नीरव मोदी ने बड़ी मात्रा में पीएनबी की ब्रांच मे कैश जमा किया था, इसका मतलब क्या है? ‘ नीरव मोदी से प्रधानमंत्री के रिश्तों की कड़ी जोड़ते हुए माजिद इशारा कर रहे है कि नीरव को प्रधानमंत्री की घोषणा के पहले ही नोटबंदी की भनक लग चुकी थी।
घोटालों की पांडुलिपि के साथ भ्रष्टाचार के मंत्रोच्चार के प्रहारों से भाजपा व्याकुल और असहज है। कर्नाटक चुनाव की पूर्व-बेला में भ्रष्ट-मंत्रो की अनुगूंज माहौल में तेजाब घोल रही है। आर्थिक हेराफेरी के अफसाने कर्नाटक विधानसभा के चुनाव को कर्कशता की ओर ढकेल रहे हैं। भाजपा पहली बार ‘डिफेंसिव- मोड’ में कांग्रेस के आरोपों का जवाब देने के लिए मजबूर है। बैंक-घोटाले के मुद्दों की मुंह मांगी मुराद मिलने के बाद कांग्रेस की राजनीतिक हसरतें ऩई परवान पर निकल पड़ी हैं।
विपक्ष के हमलावर रूख के कारण भाजपा के माथे पर चिंता की सलवटें गहराने लगी हैं। भाजपा के वायु-मंडल में भ्रष्टाचार के काले बादल चुनाव में धुंधलके पैदा कर रहे है। दिक्कत यह भी है कि पहले जो लोग प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ कुछ भी सुनने को तैयार नही होते थे, वो अब विपक्ष के आरोपों को तोलने लगे हैं।
नीरव मोदी के रिश्तों की ओर माजिद मेमन के इशारों की पुष्टि 7, रेसकोर्स रोड स्थित प्रधानमंत्री आवास पर उनके मामा मेहूल चोकसी की आवभगत से भी समझ में आती है। समाचार पोर्टल ‘गो-न्यूज’ व्दारा जारी वीडियो में मेहुल चोकसी प्रधानमंत्री के सरकारी आवास पर अतिथियों के बीच पहली पंक्ति मे मौजूद है। ‘आईएएनएस’ के मुताबिक चोकसी 5 नवम्बर 2015 को पीएम आवास पर स्वर्ण-बॉण्ड जारी करने के लिए एक कार्यक्रम हुआ था। अतिथिय़ों की सूची में चोकसी का नाम होने से ज्यादा महत्वपूर्ण यह था कि अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने अपने कथन की पुष्टि के लिए मेहूल चोकसी का खासतौर से उल्लेख किया था। मोदी ने स्वर्ण-योजनाओं की घोषणा करते हुए कहा था कि ‘भारत को एक स्वर्ण युग में ले जाने में मदद करने के लिए लोगों को सुनहरे अवसर का लाभ उठाना चाहिए।’ वीडियो में विनोदी-अंदाज में प्रधानमंत्री यह कहते दिख रहे हैं कि ‘कोई भी खरीदार गहने खरीदने के लिए सबसे बड़े शोरूम में जाएगा, लेकिन उसकी जांच अपने पारिवारिक-ज्वैलर से ही कराएगा। हमारे मेहूल भाई यंहा बैठे हैं, उन्हे पता रहता है कि खरीदार इसकी जांच कराने अपने ही ज्वैलर के पास जाएगा।’ सत्ता के गलियारो में चोकसी के प्रति प्रधानमंत्री मोदी के इस अनमोल आत्मीय संबोधन के मायने किसी को भी समझाने की जरूरत नही है…।
सम्प्रति- लेखक श्री उमेश त्रिवेदी भोपाल एनं इन्दौर से प्रकाशित दैनिक सुबह सवेरे के प्रधान संपादक है। यह आलेख सुबह सवेरे के 27 फरवरी के अंक में प्रकाशित हुआ है।वरिष्ठ पत्रकार श्री त्रिवेदी दैनिक नई दुनिया के समूह सम्पादक भी रह चुके है।
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