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भोजली मित्रता का उत्सव– भूपेश

रायपुर 30 अगस्त।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि भोजली का पर्व हमारी विशिष्ट छत्तीसगढ़ी संस्कृति है।भोजली मित्रता का उत्सव भी है।राज्य में मित्रता के अटूट बंधन के लिए भोजली बदने की परम्परा रही है।

    श्री बघेल आज यहां बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में आयोजित राष्ट्रीय भोजली महोत्सव को सम्बोधित कर रहे थे।उन्होंने इस अवसर पर मित्रता का अभूतपूर्व उत्सव ’भोजली’ पर्व के आयोजन के लिए गोंडी धर्म संस्कृति संरक्षण समिति को बधाई दी और इसे प्राचीन सांस्कृतिक परम्पराओं को सहेजने की दिशा में सराहनीय बताया।

     उन्होने कहा कि जब हमारी संस्कृति बचेगी, तभी हम बचेंगे। जब हमें अपनी संस्कृति पर गौरव होगा, तभी हमारा आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। हम प्रदेश के आर्थिक विकास के लिए कार्य तो कर ही रहे हैं। कर्ज माफी, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना जैसी अनेक योजनाओं से प्रदेश के सभी वर्गों की आर्थिक स्थिति बेहतर हुई है लेकिन इसके साथ ही हम सांस्कृतिक विकास को भी उतना ही महत्व दे रहे हैं।

     श्री बघेल ने कहा कि हमने देवगुड़ियों और घोटुल के संरक्षण के लिए कार्य किया है। मुख्यमंत्री पर्व सम्मान निधि और आदिवासी परब सम्मान निधि योजना के माध्यम से हम स्थानीय उत्सवों को मनाने के लिए सभी पंचायतों को दस हजार रुपए वार्षिक सहायता दे रहे हैं। बस्तर में हमने बादल का गठन किया है। बस्तर लोक संस्कृति एवं भाषा अकादमी नाम से जानी जाने वाली इस संस्था के माध्यम से बस्तर के लोकगीतों को, लोकधुनों को और पारंपरिक रिवाजों को तथा बोली को सहेजने का काम हो रहा है। इसके माध्यम से बस्तर की सांस्कृतिक सुंदरता को दुनिया जान पा रही है।