सुप्रीम कोर्ट ने सीवर में होने वाली मौतों और मामलों की निगरानी को लेकर कई दिशा-निर्देश जारी किए। कोर्ट ने कहा कि उच्च न्यायालय को निगरानी से नहीं रोका जा सकता। सरकारी अधिकारियों को सीवर सफाई के दौरान मरने वालों के परिजनों को 30 लाख रुपये का मुआवजा देना होगा। सीवर सफाई के दौरान स्थायी दिव्यांगता का शिकार होने वाले व्यक्तियों को न्यूनतम मुआवजे के रूप में 20 लाख रुपये का भुगतान किया जाएगा।
सीवर से होने वाली मौतों को लेकर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र और राज्यों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हाथ से मैला ढोने की प्रथा पूरी तरह खत्म हो।