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ओड़िशा की अंतर्राज्यीय सिंचाई परियोजनाओं में छत्तीसगढ़ के प्रस्ताव पर जल्द हो निर्णय-बृजमोहन

रायपुर/कोलकाता 16अप्रैल।छत्तीसगढ़ के जल संसाधन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने ओड़िशा और आंध्रप्रदेश की अंतर्राज्यीय सिंचाई परियोजनाओं में छत्तीसगढ़ के किसानों के हित में प्रदेश सरकार के प्रस्तावों पर तत्काल निर्णय लेने की मांग की है।

श्री अग्रवाल ने आज कोलकाता में केन्द्रीय जल संसाधन राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की अध्यक्षता में आयोजित जल संसाधनों पर पूर्वी राज्यों के एक दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन में छत्तीसगढ़ सरकार के पक्ष को जोरदार ढंग से रखते हुए केन्द्रीय जल आयोग से प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत चयनित छत्तीसगढ़ की तीन सिंचाई परियोजनाओं में से केलो वृहद परियोजना की पुनरीक्षित लागत 990 करोड़ 34 लाख रूपए की स्वीकृति जल्द दिलाने का अनुरोध किया। सम्मेलन में पश्चिम बंगाल और ओड़िशा के जल संसाधन मंत्री शामिल हुए। झारखण्ड और बिहार के जल संसाधन विभाग के प्रतिनिधि भी सम्मेलन में मौजूद थे।

श्री अग्रवाल ने सम्मेलन में ओड़िशा की ईब नदी पर प्रस्तावित सिंचाई परियोजना सहित तेलगिरी मध्यम सिंचाई परियोजना, नवरंगपुर सिंचाई परियोजना, खड़गा बैराज परियोजना, अपरजोंक अंतर्राज्यीय परियोजना (पतोरा बांध), पोलावरम अंतर्राज्यीय परियोजना, इंद्रावती जोरा नाला विवाद, गोदावरी (इंचमपल्ली)-कावेरी (ग्राण्ड एनीकट) लिंक परियोजना के संबंध में छत्तीसगढ़ के पक्ष को जोरदार ढंग से रखा।उन्होंने केलो वृहद परियोजना, मिडिल कोलाब बहुउद्देश्यीय परियोजना तथा उरमाल परियोजना (मैनपुर-जिला गरियाबंद) के संबंध में सम्मेलन के दौरान चर्चा की।

उन्होने ओड़िशा सरकार द्वारा ईब नदी पर प्रस्तावित सिंचाई परियोजना के अंतर्गत जलाशय के जल स्तर पर आपत्ति की। उन्होंने कहा कि इस परियोजना में छत्तीसगढ़ की 110 हेक्टेर कृषि भूमि डूबान में आने वाली है। इससे प्रभावित किसान भूमिहीन हो जाएंगे। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ के कुल भौगोलिक क्षेत्र में कमी हो जाएगी। छत्तीसगढ़ में ईब नदी के जलग्रहण क्षेत्र के बहाव का 25 प्रतिशत जल इस परियोजना को देने के बावजूद छत्तीसगढ़ को विद्युत और सिंचाई का लाभ नहीं मिलेगा।

श्री अग्रवाल ने कहा कि ओड़िशा में इंद्रावती की सहायक तेलगिरी नदी पर प्रस्तावित सिंचाई परियोजना के निर्माण से छत्तीसगढ़ के उपयोग के लिए प्राप्त होने वाले इंद्रावती नदी के जल की मात्रा में कमी होने की पूरी संभावना है। श्री अग्रवाल ने कहा कि गोदावरी जल विवाद अभिकरण के अनुबंध अनुसार जगदलपुर गेज एवं डिस्चार्ज साइड में छत्तीसगढ़ राज्य के उपयोग के लिए वार्षिक पानी की मात्रा 47.80 टीएमसी तथा गैर मानसून अवधि में पानी की मात्रा 8.115 टीएमसी उपलब्ध कराए जाने के उद्देश्य से तेलगिरी परियोजना प्रस्तावित है।