उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिरोमणी अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की अगुवाई वाले प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिलाया है कि उनकी सरकार हरिद्वार में श्री ज्ञान गोदड़ी साहिब गुरुद्वारे को जमीन आवंटित करेगी। रविवार सुबह मुख्यमंत्री धामी ने प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की और गुरुद्वारे के लिए जगह तय करने में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) को सुविधा प्रदान करने का आश्वासन भी दिया।
अब एसजीपीसी की एक टीम जल्द ही हरिद्धार जाएगी। धामी का आभार प्रकट करते हुए शिअद अध्यक्ष ने कहा कि यह बेहद गर्व की बात है कि अकाली दल पंथ की हरिद्वार में एक गुरुद्वारा स्थापित करने की लंबे समय से की जा रही मांग का समाधान करने में सक्षम रहा है। शिअद के प्रतिनिधिमंडल में बलविंदर सिंह भूंदड़, प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, एनके शर्मा, परमबंस सिंह रोमाणा, कंवरजीत सिंह बरकंदी और बाबा तरसेह सिंह नानकमत्ता डेरा कार सेवा वाले शामिल थे।
सुखबीर बादल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री उधम सिंह नगर जिले के बाजपुर के हजारों किसानों की शिकायतों का हल करने पर भी सहमत हुए हैं, जो सीलिंग नोटिस के साथ-साथ उस जमीन की बिक्री पर प्रतिबंध का सामना कर रहे थे, जो उन्होंने 70 साल पहले पट्टे पर ली थी। उन्होंने कहा कि बाजपुर में 4805 एकड़ जमीन से जुड़े मामले का समाधान उत्तराखंड के मेहनती सिख किसानों के लिए एक बड़ी राहत होगी, जिन्होंने अपने खून-पसीने से उत्तराखंड के जंगलों को हरे-भरे खेतों में बदल दिया है।
बादल ने कहा कि बाजपुर तहसील के 20 गांवों में बसे हजारों लोगों की 4805 एकड़ जमीन पिछले 50 सालों से हस्तांतणीय अधिकारों के साथ भूमिदारों के रूप में दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्रों के अलावा इस क्षेत्र में फैक्टरियां, बाजार, आवासीय कालोनियां और स्कूल स्थित थे, जिन्हें अगस्त 1920 से 2013 तब क्राउन ग्रांट एक्ट 1895 के तहत पट्टे पर दिया गया था।
उन्होंने कहा कि इस तथ्य के बावजूद यह मामला अभी अदालत में है। उधम सिंह नगर के जिला मजिस्ट्रेट ने उक्त जमीन की बिक्री और खरीद पर प्रतिबंध लगाने के अलावा जमीन मालिकों को सीलिंग नोटिस जारी किए थे। उन्होंने कहा कि जमीन मालिकों ने पिछले महीने उनसे संपर्क किया था, इसके बाद उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की थी। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि अब किसानों के साथ न्याय सुनिश्चित किया जाएगा और उनके खिलाफ जारी सभी मनमाने आदेश वापस लिए जाएंगे।