अमृत योजना के तहत पहले चरण में 19 की डीपीसी को शासन व केंद्र की अनुमति मिलने के बाद काम शुरू हो गया। इनमें से नरेंद्रनगर, मुनिकीरेती, दुगड्डा और शास्त्रीनगर देहरादून की पेयजल योजनाओं का काम तो इसी साल पूरा हो जाएगा। शक्तिगढ़, लालकुआं, पोखरी की पेयजल योजनाओं का काम अगले साल तक पूरा होगा।
अगले दो साल के भीतर प्रदेश के 19 शहरों में 264 करोड़ से ऊपर की पेयजल योजनाओं से लोगों की प्यास बुझेगी। इन परियोजनाओं पर शासन की अनुमति मिलने के बाद काम शुरू हो चुका है। इनमें से सात के तो निर्माण कार्य शुरू हो गए जबकि 13 परियोजनाओं के टेंडर की प्रक्रिया जारी है।
दरअसल, अटल मिशन फॉर रिजूविनेशन एंड अर्बन ट्रांसफोर्मेशन (अमृत) के तहत राज्य के देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी, रुद्रपुर, काशीपुर, रुड़की व नैनीताल में पेयजल, सीवर, बाढ़ के पानी की निकासी व शौचालय निर्माण के कार्य हुए थे। पिछले साल केंद्र सरकार ने अमृत 2.0 योजना शुरू की थी। इसके लिए प्रदेश के 38 शहरों का चयन किया गया था।
परियोजनाओं की तकनीकी परख चल रही
इनमें से पहले चरण में 19 की डीपीसी को शासन व केंद्र की अनुमति मिलने के बाद काम शुरू हो गया। इनमें से नरेंद्रनगर, मुनिकीरेती, दुगड्डा और शास्त्रीनगर देहरादून की पेयजल योजनाओं का काम तो इसी साल पूरा हो जाएगा। शक्तिगढ़, लालकुआं, पोखरी की पेयजल योजनाओं का काम अगले साल तक पूरा होगा।
बाकी परियोजनाओं के टेंडर की प्रक्रिया चल रही है। कुछ परियोजनाओं की तकनीकी परख चल रही है। इस आधार पर टेंडर जारी किए जाएंगे। इन परियोजनाओं की जिम्मेदारी शहरी विकास विभाग और पेयजल निगम संयुक्त रूप से संभालेगा।
किस निकाय में होंगे अमृत-2 के पहले चरण के काम
नरेंद्रनगर टिहरी गढ़वाल, शक्तिगढ़ ऊधमसिंह नगर, पौड़ी, मुनिकीरेती ढालवाला टिहरी गढ़वाल, लालकुआं नैनीताल, दुगड्डा पौड़ी, शास्त्रीनगर देहरादून, पोखरी चमोली, गौचर चमोली, सतपुली पौड़ी, बनबसा चंपावत, स्वर्गाश्रम पौड़ी, कर्णप्रयाग चमोली, डीडीहाट पिथौरागढ़, नानकमत्ता ऊधमसिंह नगर, देवप्रयाग टिहरी गढ़वाल, गजा टिहरी गढ़वाल, धारचूला पिथौरागढ़ और कपकोट बागेश्वर।