कोलकाता 25मई।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि सरकार अगले चार वर्ष में देश में शिक्षण संस्थानों में सुधार और इनके पुनरुद्धार के लिए एक लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी।
श्री मोदी ने पश्चिम बंगाल में शांति निकेतन में विश्व भारती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि..केन्द्र सरकार इस बजट में रिवाइटलाइजिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड सिस्टम एंड एजूकेशन यानि आर आई एस ई राइज़ नाम से एक नई योजना शुरू करने की घोषणा की गई है। इसके तहत अगले चार साल में देश के एजूकेशन सिस्टम को सुधारने के लिए एक लाख करोड़ रूपया खर्च किया जाएगा। शैक्षिक संस्थाओं को पर्याप्त सुविधाएं मिलें इसके लिए एक हजार करोड़ रूपए के निवेश के बाद हायर एजूकेशन फाइनेंसिंग एजेंसी शुरू की गई है। देश भर में 2400 स्कूलों को चुना। इन स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब के माध्यम से हम छठीं से बारहवीं कक्षा के छात्रों पर फोकस कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे मुख्य रूप से शिक्षण संस्थानों को उत्तम किस्म का बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि गुरुदेव टैगोर की शिक्षाएं विश्व भारती की बुनियाद हैं।
श्री मोदी ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ बांग्लादेश भवन का उदघाटन किया। यह भवन भारत और बांग्लादेश के बीच सांस्कृतिक संबंधों का प्रतीक है। प्रधानमंत्री ने कहा कि गुरुदेव टैगोर की शिक्षाएं 21वी सदी में भी प्रासंगिक हैं। श्री मोदी ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की मेजबानी की। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश और भारत एक-दूसरे से बहुत कुछ सीख सकते हैं।
उन्होने कहा कि भारत और बांग्लादेश दो राष्ट्र हैं, लेकिन हमारे ही एक दूसरे के साथ समन्वय और सहयोग से जुडे हुए हैं। कल्चर हो या पब्लिक पोलिसी। हम एक दूसरे से बहुत कुछ सीख सकते हैं। इसी का एक उदाहरण बांग्लादेश भवन है। ये भवन भी गुरूदेव के विजन का ही प्रतिबिंब है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और बांग्लादेश एक-दूसरे के साथ दोस्ताना और सहयोग के सम्बन्ध बनाकर नये रास्तों की तलाश कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के युवाओं को संयुक्त उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है।