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छत्तीसगढ़ सरकार ने डेढ़ लाख शिक्षाकर्मियों के संविलियन को दी मंजूरी

रायपुर 18जून।छत्तीसगढ़ सरकार ने पंचायत एवं नगरीय निकाय संवर्गों के एक लाख 50 हजार से  भी अधिक शिक्षाकर्मियों के संविलियन को आज मंजूरी प्रदान कर दी।

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में आज शाम आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में जहां पंचायत एवं नगरीय निकाय संवर्गों के एक लाख 50 हजार से ज्यादा शिक्षकों (शिक्षाकर्मियों) को संविलियन को मंजूरी दी वहीं राज्य के लगभग 40 लाख गरीब परिवारों को केन्द्र सरकार के आयुष्मान भारत कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा बीमा योजना में शामिल करने का भी निर्णय लिया गया, जिन्हें गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए प्रतिवर्ष पांच लाख रूपए तक चिकित्सा सुविधा मिलेगी।

पंचायत और ग्रामीण विकास तथा स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर ने मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद केबिनेट के महत्वपूर्ण फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि बैठक में शिक्षक (पंचायत/नगरीय निकाय) के पद को स्कूल शिक्षा विभाग के अधीन संविलियन करने का निर्णय लिया गया। प्रथम चरण में लगभग एक लाख 03 हजार शिक्षक (पंचायत/नगरीय निकाय) का संविलियन एक जुलाई 18 से किया जाएगा।शेष शिक्षकों (पंचायत/नगरीय निकाय) के जैसे-जैसे आठ वर्ष की सेवा पूर्ण होगी चरणबद्द ढ़ग से संविलियन की कार्रवाई की जाएगी।

उन्होने बताया कि संविलियन के फलस्वरूप शिक्षक (पंचायत/नगरीय निकाय) को नियमित शिक्षकों की तरह देय समस्त सुविधाओं (वेतनमान, भत्ते, पदोन्नति आदि) पर राज्य शासन पर लगभग एक हजार 346 करोड़ रूपए का अतिरिक्त वार्षिक व्यय भार आएगा।

उन्होंने बताया कि बैठक में केन्द्र सरकार के आयुष्मान भारत कार्यक्रम के तहत प्रस्तावित प्रधानमंत्री राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन छत्तीसगढ़ राज्य में भी लागू करने का निर्णय लिया। इसके अंतर्गत लगभग 40 लाख परिवारों को प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा बीमा योजना में शामिल किया जाएगा।योजना का शुभारंभ 15 अगस्त 18 को किया जाएगा।योजना में शामिल परिवारों को प्रति वर्ष पांच लाख रूपए तक स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी।

श्री चन्द्राकर ने बताया कि मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत पात्रता रखने वाले हितग्राहियों को 50 हजार रूपए तक स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिलता रहेगा। इस योजना का क्रियान्वयन राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना एवं संजीवनी सहायता कोष हेतु गठित राज्य नोडल एजेंसी द्वारा किया जाएगा।

उन्होने बताया कि बस्तर संभाग के नारायणपुर, बीजापुर, सुकमा  एवं दंतेवाड़ा जिलों के अनुरूप ही राज्य के शेष 23 जिलों में ’प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण’ के लिए हितग्राहियों के चयन हेतु पूर्व में निर्धारित मापदण्ड-स्वतःशामिल परिवार, बेघर परिवार, शून्य कमरे एवं एक कमरे के कच्ची छत/कच्ची दीवार वाले पात्र परिवारों को लाभान्वित करने के पश्चात ही, दो कमरे, कच्ची छत/कच्ची दीवार वाले पात्र परिवारों को शामिल किया जाएगा।