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जनजातीय समुदायों की सेवा के लिए डॉ राजाराम त्रिपाठी को मिला बस्तर भूषण का सम्मान

कोडागांव 21 फरवरी।बस्तर एवं जनजातीय समुदायों की सेवा के लिए डॉ राजाराम त्रिपाठी को बस्तर भूषण के सम्मान से नवाजा गया है।

  अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त साथी समाजसेवी संस्थान द्वारा राउंड टेबल गुरुकुल के वार्षिकोत्सव एवं बस्तर की विशिष्ट विभूतियों के सम्मान समारोह में पद्मश्री धरमपाल सैनी जी के मुख्य आतिथ्य एवं पद्मश्री हेमचंद मांझी वैद्यराज जी के विशेष आतिथ्य में सुप्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक,जैविक कृषि के अगुआ,ककसाड़ पत्रिका के संपादक, वरिष्ठ साहित्यकार और समसामयिक चिंतक डॉ राजाराम त्रिपाठी को उनके द्वारा बस्तर तथा विशेष रूप से जनजातीय समुदाय विशेषकर वहां की महिलाओं के सर्वांगीण उत्थान के लिए विगत तीन दशकों की दीर्घकालिक निस्वार्थ सेवा, पर्यावरण रक्षा के लिए किए गए प्रयासों तथा कृषि क्षेत्र में निरंतर सफल नवाचारों के सकारात्मक योगदान हेतु प्रथम ‘बस्तर-भूषण’ सम्मान से सम्मानित किया गया।

    गुरुकुल के बच्चो द्वारा इस मौके पर शिक्षको के नेतृत्व में शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रमों की बेहतरीन प्रस्तुतियां दी गई, इसी भव्य कार्यक्रम में कोंडागांव जिले के 3 नेशनल अवॉर्ड प्राप्त शिल्पकारों श्री तिजुराम विश्वकर्मा, श्री पंचूराम सागर तथा श्री राजेंद्र बघेल को भी शिल्प शिरोमणि सम्मान से सम्मानित किया गया तथा दो शिक्षको ठाकुर राजेंद्र सिंह राठौर एवं श्री आर के जैन जी को शिक्षा गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया। इसके अलावा बस्तर संभाग की दो महान विभूतियों पद्मश्री धरमपाल सैनी जी को उनके द्वारा किए गए कार्यों के लिए विनोबा सम्मान तथा पद्मश्री हेमचंद मांझी जी को धनवंतरी सम्मान से सम्मानित किया गया। 

   कार्यक्रम अध्यक्ष की आसंदी से बस्तर के प्रथम ‘बस्तर-भूषण’ डॉ राजाराम त्रिपाठी जी ने साथी संस्था के बारे में बताया कि मैने जब अपनी बैंक की जॉब छोड़ी तो उस दौर में मुझे भाई भूपेश तिवारी और उनके साथियों से बड़ी सकारात्मक प्रेरणा मिली। डॉक्टर त्रिपाठी ने अपनी संघर्ष यात्रा के बारे में बताते हुए कहा कि कैसे वे अपने गांव ककनार से रोज 50 किलोमीटर साइकिल चलाकर जगदलपुर पढ़ने जाते थे और नौकरी छोड़ने के बाद समाज सेवा के कार्य में तरह तरह के मुश्किल हालातो का सामना करना पड़ा, पर उन्होंने अपनी जिद नहीं छोड़ी।

       सभी अतिथियों ने बच्चो द्वारा लगाई गई अनूठी कला, शिल्प व विज्ञान प्रदर्शनी का अवलोकन किया एवं बच्चो का उत्साह वर्धन भी किया।कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य प्रभा कुंभकार ने सभी का आभार व्यक्त किया, कार्यक्रम का आकर्षक संचालन अंचल की लोकप्रिय उद्घोषिका वरिष्ठ साहित्यकार मधु तिवारी एवं संतोष तिवारी के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में स्थानीय वरिष्ठ शिल्पकारों , कलाकारों , साहित्यकारों, गणमान्य हस्तियों के अलावा देश के भागों से भी पधारी विभूतियां शामिल हुईं।