Saturday , April 27 2024
Home / MainSlide / मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लम्बे अंतर से गिरा

मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लम्बे अंतर से गिरा

नई दिल्ली 21 जुलाई।लोकसभा ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन-एनडीए के पूर्व सहयोगी तेलुगुदेशम पार्टी द्वारा सरकार के खिलाफ रखा गया अविश्वास प्रस्ताव बारह घंटे की बहस के बाद कल रात बड़े अंतर से रद्द कर दिया।

प्रस्ताव के विरोध में एनडीए को 325 वोट मिले, जबकि प्रस्ताव के पक्ष में 126 सदस्यों ने मत दिया। शिवसेना, बीजू जनतादल और तेलंगाना राष्ट्र समिति के सदस्य मत विभाजन के समय सदन में उपस्थित नहीं थे। आल इंडिया अन्ना डीएमके पार्टी के कई सदस्यों ने सरकार का समर्थन करते हुए प्रस्ताव के विरोध में मत दिया।लोकसभा के 534 सदस्यों में से कुल चार सौ इक्यावन सदस्य उपस्थित थे और उन्होंने मत विभाजन में भाग लिया।

इस मत विभाजन में विजय के लिये 226 से अधिक सांसदों को समर्थन की जरूरत थी। 2014 में सत्ता में आई नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ यह पहला अविश्वास प्रस्ताव था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहस का जवाब देते हुए विपक्ष को अहंकारी बताया। उन्होंने कहा कि यह सरकार का शक्ति परीक्षण नहीं है, लेकिन कांग्रेस और इसके सहयोगी दलों की परीक्षा है। सदन के विभिन्न दलों को प्रस्ताव को खारिज करने की अपील करते हुए श्री मोदी ने कांग्रेस पर मोदी हटाओ की सोच से काम करने का आरोप लगाया।

श्री मोदी ने ज़ोर देकर कहा कि एनडीए सरकार ने विशेष रूप से महिलाओं, कमज़ोर वर्गों, युवाओं और किसानों के फायदे के लिये काफी काम किया है, लेकिन विपक्ष को इन कामों से जुड़े तथ्यों में विश्वास नहीं होता। श्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति के बिना सबका साथ सबका विकास के विचार को लेकर राष्ट्र की सेवा कर रही है।

उन्होने कहा कि हम चौकीदार भी है, हम भागीदार भी है। लेकिन हम, आप की तरह सौदागर नहीं है, ठेकेदार नहीं है। हम भागीदार है, देश के गरीबों के दुख के भागीदार है, हम देश के किसानों की पीड़ा के भागीदार है। हम भागीदार है देश के नौजवानों के सपनों के भागीदार है। हम देश को विकास की नई राह पर ले जाने वाले मेहनतकश मजदूरों के भागीदार है। उनके दुख को बांटना यह हमारी भागीदारी जिम्मेदारी है।
प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि एनडीए अगले वर्ष के आम चुनाव में फिर सत्तारूढ़ होगी और उन्होंने विपक्ष से कहा कि वे 2024 में सरकार के खिलाफ फिर अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे।श्री मोदी ने सरकार पर राष्ट्रीय सुरक्षा के आरोप लगाने के लिये कांग्रेस  अध्यक्ष राहुल गांधी की आलोचना करते हुए उन्हें कहा कि वे संवेदनशील मुद्दों पर बचकाना बयान देने से बचें।श्री मोदी ने यह भी कहा कि पाकिस्तान स्थित आतंकी शिविरों पर सर्जिकल स्ट्राइक को जुमला नहीं कहा जाना चाहिये। ऐसा करना सुरक्षा बलों का अपमान माना जायेगा।

राफेल विमान खरीद पर आरोप लगाने पर प्रधानमंत्री ने सदन को विश्वास दिलाया कि यह सौदा भारत और फ्रांस सरकार के बीच किया गया और इस पर पूरी पारदर्शिता बरतते हुए हस्ताक्षर किये गये।चीन के साथ डोकलाम विवाद के बारे में श्री मोदी ने कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा कि जब पूरा देश एकजुट था, उस समय कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, भारत में चीन के राजदूत से मुलाकात कर रहे थे।

श्री राहुल गांधी के आंख से संकेत करने का अप्रत्यक्ष उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि समूचे देश ने आज इसे देखा। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह कामदार हैं और श्री गांधी नामदार हैं।श्री मोदी ने काले धन पर कहा कि इसके खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने ढाई लाख से अधिक फर्ज़ी कम्पनियों के खिलाफ कार्रवाई की है।

इससे पहले चर्चा शुरू करते हुए अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत करने वाली तेलुगु देशम पार्टी के सांसद जयदेव गल्ला ने एनडीए शासन पर 2014 में आंध्र प्रदेश के विभाजन के समय से थोथे  वायदे करने का आरोप लगाया।चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि एनडीए सरकार ने केवल बड़े-बड़े वायदे किये हैं।हिन्दुस्तान के युवा ने प्रधानमंत्री जी पर भरोसा किया और हर भाषण में प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि दो करोड़ युवाओं को मैं हर साल रोजगार दुंगा। और सच्चाई है कि सिर्फ चार लाख युवाओं को रोजगार मिला है।