रायपुर 22 अप्रैल।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दावा किया है कि राज्य में श्री नरेंद्र मोदी जी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने को लेकर अभूतपूर्व उत्साह है।इसके साथ ही राज्य में भाजपा की लहर चल रही है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने एक साक्षात्कार में प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा कि मतदाता इस लोकसभा चुनाव में भाजपा को वोट करके विकसित भारत के निर्माण में अपनी भूमिका सुनिश्चित करना चाहते हैं। हमारे पास विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता श्री मोदी जी का नेतृत्व है। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाएं लोगों के जीवन स्तर में बदलाव लेकर आई हैं। हम छत्तीसगढ़ में सभी 11 लोकसभा सीट जीतकर भाजपा के अबकी बार 400 पार के नारे को सफल बनाएंगे।
उन्होंने कहा कि नक्सल समस्या को लेकर कांग्रेस का हमेशा दोहरा चरित्र रहा है और उन्हें लगता है कि नक्सल समस्या के खात्मे के लिए पहले कांग्रेस को खत्म करना होगा। वो बोले हमारे वीर जवानों ने 16 अप्रैल को कांकेर के छोटेबेठिया क्षेत्रांतर्गत बिनागुंडा एवं कोरोनार के मध्य हापाटोला के जंगल में मुठभेड़ में 29 नक्सलियों को मार गिराया गया है। यह छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान को मिली अब तक की सबसे बड़ी ऐतिहासिक सफलताओं में एक है। हमारे जवानों के इस पराक्रम पर गर्व की जगह कांग्रेस एनकाउंटर पर सवाल उठा रही है। नक्सलियों को शहीद बताने वाली कांग्रेस के हाथ नक्सलवाद के खून में रंगे हैं। मोदी जी जब से प्रधानमंत्री बने हैं, नक्सलवाद में कमी आई है। राज्य के एक छोटे से हिस्से में सिमटे नक्सलवाद को हम जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
श्री साय ने कहा कि हम एक ओर जहां नीयद नेल्लानार जैसी योजनाओं की बदौलत विकास और सुशासन से नक्सलवाद को परास्त कर रहे हैं। वहीं हमारे जिला पुलिस और अर्धसैनिक बलों को नक्सलियों को उनकी भाषा में भी जवाब देना आता है जो वो दे रहे है। श्री साय ने कहा कि मैं एक बार फिर दुहराना चाहता हूं कि ‘ हिंसा का रास्ता ठीक नहीं है, नक्सलियों को विकास की मुख्यधारा में शामिल होना चाहिए। स्थानीय लोग विकास और तरक्की चाहते हैं।’
नक्सलवाद के खात्मे के लिए कांग्रेस को समाप्त करने की बात पर श्री साय ने कहा कि कांग्रेस हमेशा से नक्सलवाद की पोषक रही है। नक्सलवाद के जरिए वह वोटों की खेती करना चाहती है। जनता अब कांग्रेस की मंशा को समझ चुकी है। राजनीति में हर व्यक्ति और दल को अपनी बात कहने का अधिकार है, लेकिन संवैधानिक मूल्यों के विपरीत चलने वालों का समर्थन लेना और देना, यह लोकतंत्र के लिए खतरा है। आपातकाल की जनक कांग्रेस का वैसे भी लोकतंत्र पर भरोसा नहीं रहा है। नक्सलियों और आतंकवादियों को सम्मानजनक शब्दों से अलंकृत करने वालों को जनता स्वयं जड़ से उखाड़ फेंकेगी।