सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की कार्यप्रणाली के संबंध में कुछ पहलुओं पर चुनाव आयोग से स्पष्टीकरण मांगा और दोपहर 2 बजे एक वरिष्ठ चुनाव पैनल अधिकारी को तलब किया है। वहीं भाटी को दोपहर 2 बजे वरिष्ठ उप चुनाव आयुक्त नितेश कुमार व्यास को बुलाने के लिए कहा गया। व्यास ने इससे पहले ईवीएम की कार्यप्रणाली पर अदालत में एक प्रेजेंटेशन दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की कार्यप्रणाली के संबंध में कुछ पहलुओं पर चुनाव आयोग से स्पष्टीकरण मांगा और दोपहर 2 बजे एक वरिष्ठ चुनाव पैनल अधिकारी को तलब किया है।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने मतदाता सत्यापन योग्य पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) के साथ ईवीएम का उपयोग करके डाले गए वोटों के पूर्ण क्रॉस-सत्यापन की मांग करने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है, उन्होंने कहा कि इसे कुछ पहलुओं पर स्पष्टीकरण की आवश्यकता है। ईवीएम पर चुनाव आयोग द्वारा ‘अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों’ (FAQ) में दिए गए उत्तरों में कुछ भ्रम है।
पीठ ने चुनाव आयोग की ओर से उपस्थित अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से कहा, हम गलत नहीं होना चाहते लेकिन अपने निष्कर्षों में दोगुना आश्वस्त हैं और इसलिए हमने स्पष्टीकरण मांगने के बारे में सोचा।
वहीं, भाटी को दोपहर 2 बजे वरिष्ठ उप चुनाव आयुक्त नितेश कुमार व्यास को बुलाने के लिए कहा गया। व्यास ने इससे पहले ईवीएम की कार्यप्रणाली पर अदालत में एक प्रेजेंटेशन दिया था।
इसने कुछ बिंदुओं को चिह्नित किया जिन पर अदालत स्पष्टीकरण चाहती थी जो ईवीएम के भंडारण, ईवीएम की नियंत्रण इकाई में माइक्रोचिप और अन्य पहलुओं से संबंधित है।
वीवीपीएटी एक स्वतंत्र वोट सत्यापन प्रणाली है जो मतदाताओं को यह देखने में सक्षम बनाती है कि उनका वोट सही तरीके से डाला गया है या नहीं।
18 अप्रैल को शीर्ष अदालत ने कई याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
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