(फाइल फोटो)
नई दिल्ली 10 मई। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आबकारी नीति मामले में सर्वोच्च न्यायालय से अंतरिम जमानत मिलने के बाद आज शाम तिहाड़ जेल से रिहा कर दिए गए।
जमानत शर्तों के अनुसार, श्री केजरीवाल मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय का दौरा नहीं करेंगे। वे आधिकारिक फाइलों पर तब तक हस्ताक्षर नहीं करेंगे जब तक कि उपराज्यपाल की मंजूरी या अनुमोदन प्राप्त करने के लिए आवश्यक न हो। श्री केजरीवाल वर्तमान मामले में अपनी भूमिका के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे और किसी भी गवाह से बातचीत नहीं करेंगे और मामले से जुड़ी किसी भी आधिकारिक फाइल तक उनकी पहुंच भी नहीं होगी।
इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आज 21 दिन की अंतरिम जमानत दे दी थी। शीर्ष न्यायालय ने आम आदमी पार्टी प्रमुख को सात चरण के लोकसभा चुनाव का मतदान समाप्त होने के एक दिन बाद 02 जून को आत्मसमर्पण करने को कहा है। श्री केजरीवाल ने मौजूदा लोकसभा चुनावों के प्रचार के लिए जेल से रिहाई की मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें गिरफ्तार करने में प्रवर्तन निदेशालय की देरी पर भी उंगली उठाई। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने अगस्त 2022 में केजरीवाल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी, लेकिन इस साल 21 मार्च को उन्हें गिरफ्तार किया गया।