नई दिल्ली 15 अगस्त।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व का सबसे बड़ा स्वास्थ्य कार्यक्रम प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान शुरू करने की घोषणा की है।
श्री मोदी ने 72वें स्वतंत्रता दिवस पर ऐतिहासिक लालकिले की प्राचीर से राष्ट्रध्वज फहराने के बाद राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि अब समय आ गया है गरीबों को बेहतर और किफायती स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं।उन्होने कहा कि योजना को आगे बढ़ाने के लिए 25 सितंबर पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्म जयंती पर पूरे देश में ये प्रधानमंत्री जन्म आरोग्य अभियान लांच कर दिया जाएगा और उसका परिणाम ये होने वाला है कि देश के गरीब व्यक्ति में अब बीमारी के संकट से जूझना नहीं पडेगा और देश में भी मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए नौजवानों के लिए आरोग्य के क्षेत्र में नए अवसर मिलेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने गरीब और वंचितों वर्गों को पांच लाख रूपये का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराने का फैसला किया है। इससे 50 करोड़ भारतीयों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।देश के वैज्ञानिकों पर गर्व करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वे अनुसंधान क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं। श्री मोदी ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष यात्री, बेटा हो या बेटी, वर्ष 2022 तक गगनयान से अंतरिक्ष में पहुंचेंगे।
प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि सेना में अल्पकालिक सेवा की महिला अधिकारियों को पुरुष सैन्य अधिकारियों की तरह स्थायी कमीशन के अवसर दिए जाएंगे।
महिला सुरक्षा के मुद्दे पर श्री मोदी ने कहा कि समाज और देश को दुष्कर्म की कुत्सित मानसिकता से मुक्त किए जाने की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार तीन तलाक की कुप्रथा समाप्त करने की कोशिश कर रही है लेकिन कुछ लोग इसे खत्म होने नहीं देना चाहते। प्रधानमंत्री ने कहा कि सबके लिए सामाजिक न्याय और तेजी से प्रगतिशील भारत का निर्माण बहुत जरूरी है।
उन्होंने कहा कि संसद के हाल में सम्पन्न मानसून सत्र सामाजिक न्याय को समर्पित सत्र रहा।संसद के ये सत्र पूरी तरह सामाजिक न्याय को समर्पित है। हमारी संसद ने संवेदनशीलता और सजागता के साथ सामाजिक न्याय को और अधिक बलवत्तर बना रहा है। ओबीसी आयोग को सालो से संवैधानिक स्थान के लिए मांग उठ रही थी। इस साल संसद ने पिछडे अति पिछडों को उस आयोग को संवैधानिक दर्जा देकर के उनके हकों की रक्षा करने का प्रयास कर रहे हैं।
श्री मोदी ने वस्तु और सेवाकर-जीएसटी की सफलता और इसे साकार करने के लिए व्यापारी समुदाय के प्रति आभार व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार के पास राष्ट्र हित में कड़े निर्णय लेने का सामर्थ्य है। प्रधानमंत्री ने कहा कि त्रिपुरा, मेघालय और अरूणाचल प्रदेश के कई हिस्सों में शांति होने से सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून पूरी तरह से हटा लिया गया है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए पहले दिल्ली दूर थी, लेकिन पिछले चार साल में दिल्ली, पूर्वोत्तर के दरवाज़े पर आ गई है।
जम्मू कश्मीर का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी ने इंसानियत, कश्मीरियत और जम्हूरियत की राह दिखाई थी। वाजपेयी जी ने कहा था इंसानियत, जमूरियत और कश्मीरियत इन तीन मूल्य मुद्दों को लेकर के हम कश्मीर के विकास के लिए चाहे लद्दाख हो, चाहे जम्मू हो, चाहे श्रीनगर वेली हो, संकुलित विकास हो, इंफ्रास्ट्रक्चर को बल मिले। इसी भाव के साथ आगे हम बढना चाहते। हम गोली और गाली के रास्ते पर नहीं गले लगाकर के कश्मीर के देशभक्ति से जीने वाले लोगों के साथ आगे बढना चाहते है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक रैंक-एक पेंशन की मांग दशकों से लंबित थी। उनकी सरकार ने इसे लागू कर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार जन आकांक्षाओं और उनकी जरूरतों को पूरा करने के प्रयास कर रही है, इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर काम करना जरूरी है। श्री मोदी ने कहा कि सरकार भ्रष्ट लोगों और कालाधन रखने वालों को नहीं छोड़ेगी, क्योंकि उन्होंने देश को बरबाद किया है।
स्वाधीनता दिवस समारोह सेना, नौसेना और वायुसेना विंग के 16 स्कूलों के राष्ट्रीय कैडेट कोर के 700 कैडेटों ने ध्वजारोहण समारोह में हिस्सा लिया। दिल्ली सरकार के सौ से ज्यादा स्कूलों के आठ हजार से ज्यादा छात्र छात्राएं इस कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर स्कूली बच्चों द्वारा भारत का निर्माण किया गया। अपने संबोधन के बाद प्रधानमंत्री मोदी स्कूली बच्चों से भी मिले। इस भव्य समारोह का समापन तिरंगे के रंग के गुब्बारों को छोड़ने के साथ हुआ।