आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, 2022-23 में भेजी गए 27.14 अरब डॉलर से यह करीब 17 फीसदी अधिक है। पिछले 10 साल में विदेश में भेजे जाने वाला धन लगातार बढ़ रहा है।
उदारीकृत धनप्रेषण योजना यानी एलआरएस के तहत वित्त वर्ष 2023-24 में भारत से 31.73 अरब डॉलर की रिकॉर्ड रकम विदेश भेजी गई है। अंतरराष्ट्रीय यात्राओं में जोरदार बढ़ोतरी के कारण ऐसा हुआ है।
आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, 2022-23 में भेजी गए 27.14 अरब डॉलर से यह करीब 17 फीसदी अधिक है। पिछले 10 साल में विदेश में भेजे जाने वाला धन लगातार बढ़ रहा है। एचडीएफसी बैंक में प्रधान अर्थशास्त्री साक्षी गुप्ता ने कहा, विदेश भेजी जाने वाली रकम में तेजी मुख्य रूप से प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि के कारण हुई है। आय बढ़ने से लोग विदेश यात्रा, विदेश में शिक्षा सहित अन्य चीजों पर जमकर खर्च कर रहे हैं। पिछले वित्त वर्ष में अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर खर्च बढ़कर 17 अरब डॉलर हो गया। उसके पहले के साल में यह 13.66 अरब डॉलर था। नजदीकी संबंधियों के देखभाल व विदेश में शिक्षा पर क्रमशः 4.61 अरब डॉलर और 3.58 अरब डॉलर खर्च किया गया।
एनआरआई जमा 8 साल के शीर्ष पर
प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) की ओर से जमा किए जाने वाले धन की आवक वित्त वर्ष 2023-24 में 63.55 फीसदी बढ़कर 14.7 अरब डॉलर हो गई है। 2022-23 में 8.98 अरब डॉलर थी। इसके पहले का सबसे ऊंचा स्तर वित्त वर्ष 2015-16 में 15.97 अरब डॉलर का था। सबसे ज्यादा धन विदेशी मुद्रा प्रवासी खातों में आया है। इन खातों में 6.37 अरब डॉलर आए हैं।
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