छत्तीसगढ़ में आज सुबह से बारिश हो रही है। कई जिलों में गरज चमक के साथ बौछारें पड़ रहे हैं। कहीं कहीं तेज हवाओं के साथ झमाझम बारिश हो रही है। इन दिनों लगातार बारिश होने की वजह से कई जगहों के छोटे नदी-नाले उफान पर हैं। साथ ही छोटे-छोटे पुल भी ढह गया है। कई जगहों पर बाढ़ के हालात बने हुए हैं। हालांकि यह अभी शुरुआती दौर के बारिश हैं। आगामी दिनों में बारिश की गतिविधियां और भी बढ़ेगी।
राजधानी रायपुर समेत प्रदेश कई जिलों में दो दिनों तक झमाझम बारिश होने की संभावना है। एक निम्न दबाव का क्षेत्र आंतरिक ओडिशा और उससे लगे हुए मध्य पूर्वी छत्तीसगढ़ के ऊपर बना हुआ है। इसके वजह से मध्य और दक्षिण भाग में अधिकांश जगहों पर बारिश की गतिविधि जारी रहने की संभावना है। 23 जुलाई को प्रदेश के मध्य और उत्तरी भागों में भारी बारिश होगी। वहीं 24 जुलाई के शाम से प्रदेश में बारिश गतिविधि में कमी आने की संभावना है। बालोद जिले के बस स्टैंड पूरी तरह तालाब में तब्दील हो गया है। बारिश के वजह से आधा दर्जन स्कूलों में ताला लगा हुआ है, जिसमें गुरुर तहसील के स्कूल सबसे ज्यादा शामिल है। यहां पर डोट पर लगोरी पर स्कूल जलमग्न हो गया है।
मौसम एक्सपर्ट के अनुसार, एक कम दबाव का क्षेत्र आंतरिक छत्तीसगढ़ के ऊपर स्थित है। छत्तीसगढ़ से होते हुए उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और अगले 12 घंटे के दौरान धीरे-धीरे कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित होकर कमजोर होने की संभावना है। इसके प्रभाव से 24 जुलाई से बारिश की गतिविधि में कमी आने की संभावना है। आज मंगलवार को अनेक स्थानों पर हल्की मध्यम बारिश और अधिकांश जगहों पर भारी बारिश की संभावना है।
इस वर्ष तांदुला जलाशय का जलस्तर सबसे निचले स्तर पर था, लेकिन दो दिनों से हुई बारिश की वजह से तेजी से जलभराव दर्ज किया गया है। वर्तमान ने जलाशय दो दिनों के बारिश के बाद 23 फीट तक चला गया है। इसका कैचमेंट एरिया जंगल क्षेत्र होने की वजह से अब यहां पानी का आना बढ़ेगा, जिससे यह मंगलवार शाम तक 2 फीट और बढ़ सकता है। इस जलाशय को खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। तांदुला जलाशय में 20% जलपुरा हुआ है। वहीं गोंदली जलाशय में 12 और खरखरा जलाशय में 25 प्रतिशत जल भरा हुआ है। मटिया मोती जलाशय में 30% का जल भरा हुआ है।
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