सीहोर: पीड़िता को मजदूरी के रुपये देने के बहाने जंगल में ले जाकर दोनों आरोपियों ने दुष्कर्म किया। पीड़िता के भाई के की शिकायत पर आरोपियों का पता चला। न्यायालय ने सजा के साथ पीड़िता की शिक्षा के लिए चार लाख रुपये प्रतिकर स्वरूप दिलाने का आदेश भी दिया।
मजदूरी के रुपये देने का कहकर बुलाने और दुष्कृत्य करने के मामले में कोर्ट ने दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। पॉक्सो न्यायालय के विशेष न्यायाधीश अभिलाष जैन ने फैसला सुनाते हुए पीड़िता के उज्ज्वल भविष्य और शिक्षा के लिए प्रतिकर स्वरूप चार लाख रुपये दिलवाए जाने का भी आदेश पारित किया।
विशेष लोक अभियोजन अधिकारी और मामले के पैरवीकर्ता केदार सिंह कौरव ने बताया कि पीड़िता ने अपने माता-पिता के साथ पांच अक्तूबर 2022 इछावर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पीड़िता ने पुलिस को बताया था कि मैं मजदूरी करने जाती हूं। वहां पर आरोपी अबरार खां पिता स्माइल खां और शानू पिता सईद मियां से जान-पहचान हो गई थी। वहां पर हम लोगों ने 08 दिन तक साथ काम किया था। 4 अक्तूबर 22 की रात 11 बजे मैं अपने घर पर सो रही थी, तभी उसके घर पर किसी ने पत्थर मारा। उसने देखा तो शानू और अबरार दिखे, जिन्होंने उससे कहा कि तेरे मजदूरी के पैसे ले जा।
पीड़िता पैसे लेने गई तो दोनों ने उससे कहा कि उनके साथ चल नहीं तो उसे और उसके घरवालों को जान से खत्म कर देंगे और उसे अपने साथ घर के पीछे जंगल में ले गए। वहां दोनों ने उसके साथ दुष्कर्म किया। तभी रास्ते से निकल रहे उसके भाई ने उसके चिल्लाने की आवाज सुनी।
उसे देखकर दोनों आरोपी वहां से भाग गए। तब उसका भाई उसे लेकर घर आया, जहां पीड़िता ने घटना की जानकारी दी और अपने परिजन के साथ थाना रिपोर्ट करने गई। पुलिस अनुसंधान पश्चात अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं अंतिम लिखित तर्कों से सहमत होते हुए न्यायालय ने आरोपी को दोषी पाते हुए धारा 376(डी)(ए), 5/6 पॉक्सो अधिनियम में शेष प्राकृतिक जीवन तथा चार हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया गया।
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