गोशाला के निर्माण में हुए फर्जीवाड़े को लेकर महापौर ने नगरायुक्त को पत्र लिखा है। पूछा गया है कि आखिर इतना भुगतान कैसे हो गया।
आगरा के शाहदरा में निर्माणाधीन गोशाला सहित कई मामलों में अपंजीकृत ठेकेदारों को टेंडर देकर नियमों को दरकिनार करने और करोड़ों रुपये का भुगतान कर देने का खुलासा नगर निगम में हुआ है। महापौर हेमलता दिवाकर कुशवाह ने नगरायुक्त को पत्र लिखकर जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया है। साथ ही उन्होंने ऐसे अन्य कार्यों का ब्योरा भी मांगा है, जो अपंजीकृत ठेकेदारों से कराए जा रहे हैं।
महापौर ने पत्र में उल्लेख किया है कि वार्ड संख्या-55 शाहदरा में गोशाला के निर्माण के लिए टेंडर आमंत्रित किए गए थे। इसमें प्रथम क्रमांक पर प्राप्त निविदादाता की निविदा स्वीकार करते हुए कार्यादेश जारी किया गया। लेकिन इस निविदादाता का नगर निगम में कार्यों के लिए पंजीकरण नहीं था। नगर निगम एवं निविदादाता के मध्य हुए अनुबंध में निविदा की शर्त के अनुसार 15 दिन में उसे पंजीकरण कराने का समय प्रदान किया गया था। मगर ठेकेदार ने नौ माह बाद भी पंजीकरण नहीं कराया।
इसी दौरान मैसर्स दिनेश कुमार सिंह को पहली किस्त 30 मार्च 2024 को 1.37 करोड़ की दी गई। दूसरी किस्त 27 जून 2024 को 1.07 करोड़ की दी गई। महापौैर का कहना है कि यह भी जानकारी मिली है कि कई प्रकरणों में गैर पंजीकृत ठेकेदारों को भुगतान किए जा चुके हैं। ऐसे अपंजीकृत ठेकेदारों को आवंटित कार्यों की सूची बनाएं। उत्तरदायी अधिकारी व कर्मचारियों को चिह्नित कर तीन दिन में कठोर कार्रवाई कर अवगत भी कराएं। लोहामंडी में कराए जा रहे कार्यों में भी अपंजीकृत ठेकेदार से कार्य कराने की शिकायत पार्षदों ने की है। इसकी भी जांच कराई जाए।
इन कार्यों के लिए भुगतान
आरसीसी, राफ्ट फाउंडेशन, स्टोन बैलास्ट, स्लैब, स्टोन डस्ट, कंसोलिडेशन व काम्पैक्टिंग, सबमर्सिबल पंप, टाइल्स वर्क, पीवीसी पाइप लाइन, सैंड फिलिंग, चाइना वॉल टाइल्स और वायर फेसिंग का कार्य कराने के लिए भुगतान किया गया।
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