रिकॉर्ड तोड़ गर्मी वाली फरवरी के बाद मार्च का महीना भी पिछले कुछ साल के मुकाबले ज्यादा गर्म होने का अनुमान को मौसम विभाग ने पहले ही जता दिया था। लेकिन बीते कुछ समय से पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी और मैदानी इलाकों में हो रही बारिश से तापमान में गिरावट देखने को मिली है।
मौसम विभाग के मुताबिक, एक नया पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय हो रहा है, जो आने वाले दिनों में अपना प्रभाव दिखा सकता है। विभाग ने अनुमान जताया है कि 9 मार्च के लगभग पश्चिमी विक्षोभ का असर पश्चिमी हिमालयी रीजन में देखने को मिल सकता है।
बारिश और बर्फबारी की चेतावनी
पश्चिमी विक्षोभ के कारण 4 मार्च को पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी देखने को मिल सकती है। वहीं मैदानी इलाकों के कई हिस्सों में भारी बारिश की संभावना भी जताई गई है। राजस्थान में अगले 3 दिनों में अधिकतम तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट देखने को मिलेगी।
हालांकि इसके बाद तापमान में फिर से वृद्धि होगी। गुजरात के इलाकों में अगले 24 घंटे तक तापमान सामान्य बना रहेगा, लेकिन इसके बाद यहां भी तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी। देश के अन्य हिस्सों में फिलहाल 4-5 दिनों तक तापमान में अधिक बदलाव नहीं होगा।
विदर्भ में सबसे अधिक तापमान दर्ज
4 मार्च को उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में गरज के साथ बारिश होने की संभावना है। कोंकण क्षेत्र और कोस्टल कर्नाटक के लिए तापमान काफी अधिक हो सकता है। बता दें कि पिछले 24 घंटे में जम्मू क्षेत्र और अरुणाचल प्रदेश में बारिश और बर्फबारी देखने को मिली है।
तमिलनाडु, पुडुचेरी और केरल में भी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हुआ है। महाराष्ट्र के विदर्भ के ब्रह्मपुरी में देश का सबसे अधिक तापमान दर्ज किया गया। यहां अधिकतम तापमान 38.6 डिग्री सेल्सियस था।
कुछ दिन पहले मौसम विभाग के सीनियर साइंटिस्ट डीएस पाई ने बताया था कि मार्च के महीने में देश के ज्यादातर हिस्सों में न्यूनतम और अधिकतम तापमान औसत से ऊपर रहने वाला है। इससे सर्दियों में बोई जाने वाली गेहूं, चना और रेपसीड जैसी फसलों को नुकसान हो सकता है।
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