दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने एलएनजेपी अस्पताल का दौरा कर निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के अस्पताल और यहां का स्वास्थ्य विभाग बीमार है।
गुरु तेग बहादुर अस्पताल (जीटीबी)ो में 40 फीसदी से ज्यादा डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी है। वेंटिलेटर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, पीपीई किट समेत दूसरे चिकित्सकीय उपकरण बिना उचित इंतजाम के अस्पताल में पड़े हैं। सीटी स्कैन मशीनें भी पुरानी है। यह खुलासा मंगलवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के अस्पताल के दौरे के दौरान हुआ।
इस पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आम दिल्लीवालों को इलाज मुहैया कराने में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। दिल्ली के सभी अस्पतालों का रिव्यू होगा। लंबित प्रोजेक्ट के मूल्यांकन के लिए कमेटी बनाई जाएगी। इससे तयशुदा समय में सभी सुविधाएं विकसित हो सकेंगी।
मुख्यमंत्री ने शाम को गुरु तेग बहादुर और एलएनजेपी अस्पताल का दौरा किया। निरीक्षण के दौरान वेंटिलेटर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, पीपीई किट समेत दूसरे चिकित्सकीय उपकरण इधर-उधर रखे नजर आए। सही तरीके से इनका भंडारण नहीं किया गया था। वहीं, अस्पताल में अभी तक पुरानी सीटी स्कैन मशीन से लोगों की जांच हो रही थी। इसके साथ अस्पताल में 40 प्रतिशत डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की भी कमी मिली।
इस तरह की अव्यवस्था से सीएम ने नाराजगी जाहिर की और सभी सुविधाओं को दुरूस्त करने का निर्देश भी दिया। रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है कि अस्पतालों में विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दिल्ली सरकार की यह प्राथमिकता है। इस मकसद का हासिल करने के लिए अस्पतालों को अपग्रेड किया जाएगा। इससे दिल्ली का स्वास्थ्य मॉडल अधिक कुशल और शानदार बनेगा।
हजारों करोड़ रुपये किए बेकार
सीएम ने कहा कि कोरोना काल में सात अस्पताल शुरू होने वाले थे, लेकिन एक काम भी पूरा नहीं हुआ। पिछली सरकार ने 1200 करोड़ के अस्पतालों के ढांचे को मिट्टी में मिला दिया। जीटीबी में ही करोड़ों खर्च के बाद भी नए ब्लॉक का निर्माण अभी तक नहीं हुआ है। दिल्ली की मौजूदा सरकार इसके लिए युद्धस्तर पर कार्य करेगी। जनता को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पिछली सरकार की तरफ से रोकी गई आयुष्मान योजना को हमारी सरकार लागू करेगी। अस्पतालों से लंबित परियोजनाओं के मूल्यांकन के लिए कमेटी का गठन होगा।
जीटीबी में पड़ोसी राज्यों से भी आते हैं मरीज
सीएम ने बताया कि जीटीबी अस्पताल दिल्ली के साथ पड़ोसी राज्यों के नजदीकी शहरों के मरीज आते हैं। अस्पताल में बिस्तरों की क्षमता 1400 है और प्रतिदिन करीब 6000-8000 ओपीडी मरीज आते हैं। इसलिए इस अस्पताल में वह सभी सुविधाएं मौजूद होंगी, ताकि दिल्ली के साथ-साथ आसपास के इलाके के लोगों को भरोसा हो सके कि जीटीबी में अच्छा इलाज मिले। हमारी कोशिश है कि दिल्ली में अधिक से अधिक मेडिकल सुविधाएं विकसित की जाएं।
सभी चिकित्सा उपकरणों के उचित भंडारण के निर्देश
सीएम ने जीटीबी अस्पताल में सभी चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता के बारे में जानकारी ली। उन्होंने बताया कि पिछली सरकार ने करीब 25 अस्पतालों, संस्थानों, निदेशालयों में एमएस व एमडी की नियुक्ति नहीं की है। साथ ही, अस्पतालों में 146 वेंटिलेटर, 458 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, 36000 पीपीई किट और 248 अन्य वस्तुओं सहित कई चिकित्सा उपकरण बिना किसी कवर व उचित भंडारण के रखे गए हैं।
इसके लिए भाजपा सरकार ने मानदंडों के अनुसार सभी चिकित्सा उपकरणों के उचित भंडारण के निर्देश दिए हैं। साथ ही, इन्वेंट्री की जांच करने और इसे कार्यात्मक बनाने के लिए तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा अस्पतालों का दौरा किया जाएगा। सभी अस्पतालों को कोई भी नई खरीदारी करने से पहले भविष्य की आवश्यकताओं का आकलन करने और उपलब्ध वस्तुओं को उपयोग करने के निर्देश गए हैं।
इलाज के प्रति लापरवाही पर होगी कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अस्पतालों के विभिन्न वार्डों का दौरा किया। इलाज करा रहे मरीजों से मुलाकात कर स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली और अस्पतालों की व्यवस्थाओं को बारीकी से जांचा। मुलाकात के दौरान उन्होंने मरीजों को बताया कि उनकी सरकार के लिए स्वास्थ्य प्राथमिकता का क्षेत्र है, इसलिए लोगों को सुविधाएं मुहैया कराने में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अस्पतालों में मरीजों को मिलने वाली सुविधा की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा।
CG News | Chhattisgarh News Hindi News Updates from Chattisgarh for India