महिला सशक्तीकरण से जुड़ी सभी योजनाओं का ऑडिट किया जाएगा। इससे यह पता लगेगा कि किस विभाग की योजना का प्रदर्शन बेहतर है या खराब। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने ऑडिट करने के निर्देश दिए। साथ ही महिला योजनाओं में लाभार्थियों की सटीक जानकारी अधिकारियों से तलब की।
शुक्रवार को सचिवालय में मुख्य सचिव ने उत्तराखंड महिला एवं बाल विकास समिति की बैठक ली। उन्होंने महिला सशक्तीकरण की विभिन्न योजनाओं की शुरूआत से अभी तक कितनी महिलाओं को लाभ पंहुचा है। इसके लिए सभी योजनाओं का प्रदर्शन ऑडिट कराने के निर्देश दिए। योजनाओं के लक्षित वर्ग पर पड़ने वाले प्रभाव के आधार पर योजनाओं के गुणवत्ता में सुधार करने को कहा।
मुख्य सचिव ने सचिव स्तर पर इन योजनाओं के नए ड्राफ्ट पर कार्य करने की जिम्मेदारी तय की है। उन्होंने लक्षित वर्ग को योजनाओं का अधिकतम लाभ पहुंचाने के लिए अधिकारियों को प्रभावी मूल्यांकन की हिदायत दी। उन्होंने सचिव महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास को मुख्यमंत्री महिला सतत आजीविका योजना के साथ ही विभिन्न विभागों के माध्मय से संचालित महिला आजीविका से जुड़ी सभी योजनाओं को जोड़ने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने बालिका शिक्षा प्रोत्साहन के तहत मेधावी छात्राओं के लिए देशभर में शैक्षिक भ्रमण कराने की योजना पर कार्य करने के निर्देश दिए।
प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में महिला व बालिकाओं को मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता को प्रोत्साहित करने को लेकर आंगनबाड़ी के माध्यम से सैनेटरी नैपकिन के वितरण की कार्ययोजना पर कार्य को कहा। उन्होंने महिलाओं के लिए एनीमिया उन्मूलन अभियान को जन अभियान बनाते हुए गम्भीरता से कार्य करने के निर्देश दिए हैं। बैठक में सचिव चंद्रेश यादव, विनय शंकर पांडेय, नीरज खैरवाल समेत अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
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