नई दिल्ली 29 जनवरी।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विद्यार्थियों से कहा है कि उन्हे परीक्षा के नतीजे की चिंता किये बिना ज्ञान अर्जित करने पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए।
श्री मोदी परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में देश-विदेश से आये लगभग दो हजार विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों से बात करते हुए कहा कि विद्यार्थी अपना ध्यान पढ़ाई पर केन्द्रित रखें, समय का अच्छे से प्रबंधन करें और तनाव को न पालें।श्री मोदी ने कहा कि शिक्षा को केवल परीक्षा तक सीमित नहीं किया जा सकता बल्कि इससे, विद्यार्थियों को जीवन की विभिन्न चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने विद्यार्थियों को यह भी सलाह दी कि वे माता-पिता की बात सुने और उस पर ध्यान दें। श्री मोदी ने अभिभावकों से भी कहा कि वे अपनी इच्छाओं को बच्चों पर न थोपें बल्कि उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के लिए हमेशा प्रेरित और प्रोत्साहित करते रहें।उन्होने कहा कि हर बच्चे की अपनी क्षमताएं और सीमाएं होती हैं और इन्हें समझना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि बच्चों को भी अपने माता-पिता को इसके लिए तैयार करना चाहिए कि वे उन्हें उनकी प्रतिभा और रूचि के अनुसार फैसला लेने में मदद करें।
एक विद्यार्थी के प्रश्न के उत्तर में प्रधानमंत्री ने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे परीक्षा का तनाव न पालें। असम से एक विद्यार्थी की मां द्वारा बच्चों में मोबाइल फोन पर लगे रहने की आदत के बारे में पूछे जाने पर श्री मोदी ने कहा कि प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल क्षमताओं को बढ़ाने और नवाचार के माध्यम के रूप के लिए किया जाना चाहिए।
बच्चों में निराशा का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह बहुत चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि लोग तनाव और मानसिक स्वास्थ्य के विभिन्न पहलूओं पर खुलकर बातचीत करते हैं। उन्होंने कहा कि तनाव से बचने के लिए परामर्श लेना बुरी बात नहीं है, बल्कि इससे समस्या का समाधान किया जा सकता है।
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस अवसर पर बताया कि इस कार्यक्रम में ईरान, नेपाल, दोहा, कुवैत, सऊदी अरब जैसे देशों से भी विद्यार्थी भाग ले रहे थे।